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सपा विधायक जाहिद बेग की पत्नी को हाईकोर्ट से बड़ी राहत, नौकरानी की मौत मामले में रद्द हुई मुकदमे की कार्रवाई

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सीमा बेग के खिलाफ दर्ज मानव तस्करी और बंधुआ मजदूरी के मुकदमे को किया खारिज, कहा-प्राथमिक साक्ष्य नहीं

 

इलाहाबाद। भदोही के समाजवादी पार्टी (सपा) विधायक जाहिद बेग की पत्नी सीमा बेग को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। हाईकोर्ट ने नाबालिग नौकरानी की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत के मामले में उनके खिलाफ दर्ज मुकदमे की कार्रवाई को रद्द कर दिया है।

सीमा बेग के खिलाफ पुलिस ने मानव तस्करी, बंधुआ मजदूरी और शोषण से जुड़ी विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया था। यह मामला कई सालों से अदालत में लंबित था। सीमा बेग ने इस केस को चुनौती देते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसमें उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ लगाए गए आरोप झूठे और राजनीतिक द्वेष से प्रेरित हैं।

हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद पिछली सुनवाई में फैसला सुरक्षित कर लिया था। शुक्रवार को जस्टिस की बेंच ने आदेश सुनाते हुए कहा कि उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर अभियोजन को जारी रखना उचित नहीं है, क्योंकि जांच में कोई ठोस प्रमाण नहीं मिला है जिससे यह साबित हो सके कि सीमा बेग की भूमिका नौकरानी की मौत में थी।

कोर्ट ने यह भी कहा कि किसी भी व्यक्ति को बिना ठोस साक्ष्य के मुकदमे में फंसाना न्याय के सिद्धांतों के विपरीत है।
इस आदेश के बाद सपा विधायक जाहिद बेग और उनके परिवार ने राहत की सांस ली है।

इससे पहले यह मामला भदोही जिले के एक आवासीय परिसर में काम करने वाली नाबालिग नौकरानी की संदिग्ध मौत से जुड़ा था। घटना के बाद परिजनों ने आरोप लगाया था कि नौकरानी के साथ अमानवीय व्यवहार किया गया। हालांकि जांच के दौरान पुलिस को कोई प्रत्यक्ष साक्ष्य नहीं मिला।