कप सिरप कांड पर सवाल उठानेवाले पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर की भारी सुरक्षा के बीच कोर्ट में पेशी
देवरिया कोर्ट से लाकर किया गया पेश, अधिवक्ताओं ने रिमांड का किया विरोध
कफ सिरप कांड और मुख्यमंत्री पर हमले के बाद देवरिया में हुई थी पूर्व आईपीएस की गिरफ्तारी
वाराणसी, भदैनी मिरर। वाराणसी जिले के चौक थाने में दर्ज प्राथमिकी के मामले में आजाद अधिकार सेना के अध्यक्ष व पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर को शुक्रवार को भारी सुरक्षा के बीच प्रभारी विशेष मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट राजीव मुकुल पांडेय की अदालत में पेश किया। अदालत में पूर्व आईपीएस के अधिवक्ताओं ने रिमांड का विरोध करते हुए दलील दी कि जिन मामलों में पुलिस उनका न्यायिक रिमांड बनवाना चाहती है, वह सभी धाराएं, सात साल से कम की सजा वाली हैं, जिनमें गिरफ्तारी पर रोक हैं। अदालत में अमिताभ ठाकुर के अधिवक्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट की नजीरों का हवाला देते हुए कहा कि ऐसे मामलों में न्यायिक रिमांड नहीं बनाया जा सकता है। अभियोजन की ओर से कहा गया कि मामला संज्ञेय अपराध से जुड़ा हैं। ऐसे में न्यायिक रिमांड बनाया जा सकता है। अदालत ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर का न्यायिक रिमांड मंजूर करते हुए उन्हें 14 दिन की न्यायिक अभिरक्षा में लेकर देवरिया जेल भेज दिया।
अमिताभ ठाकुर के अधिवक्ता अनुज यादव ने कहाकि हमने रिमांड का विरोध किया। पूर्व आईपीएस के खिलाफ जिन दो धाराओं में एफआईआर दर्ज हुआ है वह असंज्ञेय अपराध की श्रेणी में आता है। उसमें रिमांड नही हो सकता। बाकी धराएं सात साल से कम वाली है। इसलिए इसमें भी रिमांड नही बन सकता। उन्होंने कहाकि इस मामले में उनकी ओर से सुप्रीम कोर्ट की विधि व्यवस्था से न्यायालय को अवगत कराया है। अधिवक्ता अनुज यादव ने बताया कि कोर्ट में अमिताभ ठाकुर ने कहा कि मैने एक्स पर जो पर पोस्ट किया उसकी जांच हो। यदि मैं गलत पाया जाऊ तो मेरे खिलाफ विधिक कारवाई हो। हालांकि अमिताभ ठाकुर की पेशी के दौरान भारी फोर्स की तैनाती कर दी गई थी। मानों कोई बहुत बड़ा अपराधी हो। उधर, अमिताभ ठाकुर के अधिवक्ताओं ने सरकार और प्रशासन पर भी सवाल उठाया है। कहाकि जानलेवा कफ सिरप कांड के असली गुनहगार पकड़े नही गये और इस मामले में आवाज उठानेवाले पूर्व आईपीएस को गिरफ्तार किया जा रहा है। यह प्रदेश की कानून-व्यवस्था पर बड़ा सवाल है।
गौरतलब है कि पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर बहुचर्चित सिरप कांड में लगातार नये-नये खुलासे करते हुए जांच की मांग कर रहे थे। उन्होंने बिहार के मंत्री समेत कई स्वनामधन्य लोगों की भूमिका पर सवाल उठाये थे। जांच की मांग की थीं। अमिताभ ठाकुर का कहना था कि कफ सिरप कांड में अपने लोगों की गर्दन बचाने के लिए उन्हें परेशान किया जा रहा है। एक दिन पहले देवरिया जेल से वाराणसी के लिए रवाना होते समय भी उन्होंने खुले तौर पर कहा था कि योगी आदित्यनाथ के करीबी धनंजय सिंह एंड कम्पनी को बचाने के लिए मुझे परेशान किया जा रहा। उनके खुलासे और मुख्यमंत्री पर आरोप के बाद सत्ता पक्ष के लोग बौखलाए हुए हैं। बतादें कि बड़ी पियरी निवासी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा गठित हिन्दू युवा वाहिनी के नेता और वीडीए के मानद सदस्य अम्बरीष सिंह भोला ने चौक थाने में नौ दिसम्बर को मुकदमा दर्ज कराया था। आरोप था कि बीते 30 नवंबर को अमिताभ ठाकुर ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक वीडियो पोस्ट किया, जिसमें उन पर आपराधिक मामलों में संलिप्त होने के झूठे आरोप लगाए गए।
साथ ही बहुचर्चित कफ सिरप मामले में बिना किसी साक्ष्य के उनकी संलिप्तता बताते हुए सोशल मीडिया पर भ्रामक व गलत खबर प्रचारित किया है। इससे उनकी सामाजिक प्रतिष्ठा को आघात पहुंचा। इस मामले में पुलिस ने आजाद सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर और उनकी पत्नी डॉ. नूतन ठाकुर व एक अन्य के खिलाफ चौक थाने में मुकदमा दर्ज किया था। इसी मामले में पेश करने के लिए अमिताभ ठाकुर को गुरूवार को देवरिया जेल से लाकर सेंट्रल जेल में रखा गया था। शुक्रवार की शाम को उन्हें कोर्ट में पेश कर उनका न्यायिक रिमांड बनाया गया गया। न्यायिक रिमांड बनने के बाद पुलिस उन्हें कड़ी सुरक्षा में लेकर देवरिया जेल के लिए निकल गयी।