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बिजलीकर्मियों के दबाव में टूटा पांच माह का गतिरोध, पावर कार्पोरेशन प्रबंधन ने वार्ता के लिए बुलाया

लखनऊ के शक्तिभवन में बिजलिकर्मियां का अनिश्चितकालीन क्रमिक अनशन जारी

 

उत्पीड़न की कार्यवाहियां वापस लेकर प्रबंधन सार्थक वार्ता का वातावरण बनाए - संघर्ष समिति

चौथे दिन बड़ी संख्या में पहुचे बनारस के बिजलिकर्मियों ने जारी रखा क्रमिक अनशन 

 वाराणसी, भदैनी मिरर। बिजली के निजीकरण के विरोध में लखनऊ के शक्तिभवन में बिजलिकर्मियां के अनिश्चितकालीन क्रमिक अनशन के दौरान सोमवार को अनशन के चौथे दिन संघर्ष समिति के प्रदेश संयोजक ई. शैलेन्द्र दुबे की तबियत बिगड़ गई। इसके साथ ही जबर्दस्त नारेबाजी और कर्मचारियों के आक्रोश को देखते हुए पावर कारपोरेशन ने पांच महीने से चले आ रहे गतिरोध के बीच वार्ता की पहल की। इसके बाद विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उत्तर प्रदेश के पदाधिकारियों और पावर कारपोरेशन के चेयरमैन व शीर्ष प्रबंधन के बीच आज निजीकरण के मामले को लेकर पहली बार वार्ता हुई। इस दौरान प्रदेश में बिजली कटौती का शेड्यूल जारी कर दिया गया है।

सार्थक वार्ता के लिए उत्पीड़न बंद किया जाय

उधर, वार्ता के दौरान संघर्ष समिति ने चेयरमैन से साफ शब्दों में कहा कि सार्थक वार्ता का वातावरण बनाने के लिए पहले उत्पीड़न की समस्त कार्यवाहियां वापस ली जाय। इसके साथ ही चौथे दिन भी बिजलीकर्मियों का क्रमिक अनशन जारी रहा। बनारस सहित अन्य जिलों के बिजलिकर्मियो ने भारी संख्या में पहुचकर क्रमिक अनशन को मजबूती प्रदान की। बिजली कर्मचारियों ने आज अपने घरों पर एक घंटा बिजली बंद कर निजीकरण के बाद आम जनता को लालटेन युग आने का संदेश दिया।

संघर्ष समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे का शुगर लेवल गिरा

आपको बता दें कि क्रमिक अनशन के तीसरे दिन 4 मई की रात 10 बजे संघर्ष समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे का शुगर लेवल बहुत ज्यादा गिर गया और उनका बीपी बहुत अधिक बढ़ गया जिससे उनकी हालत निरंतर खराब होने लगी। शैलेन्द्र दुबे ने  अपना अनशन जारी रखा। रात 12 बजे से 02 बजे तक पॉवर कॉरपोरेशन प्रबन्धन ने पुलिस और मेडिकल टीम का दबाव बनाकर उनका अनशन समाप्त कराने की कोशिश की। लेकिन समाचार मिलते ही आधी रात को शक्ति भवन पर सैकड़ों बिजलीकर्मी आ गए और विरोध में जोरदार नारे लगाने लगे। इससे अनशन जबरदस्ती समाप्त कराने की प्रबन्धन की चाल कामयाब न हो सकी। 5 मई को संघर्ष समिति के संयोजक शैलेन्द्र दुबे ने ऐलान कर दिया कि जब तक चेयरमैन संघर्ष समिति से वार्ता नहीं करते तब तक उनका अनशन जारी रहेगा। उनके इस अनिश्चितकालीन अनशन के ऐलान से  प्रबन्धन के हाथ-पैर फूलने लगे और अंततः पांच महीने का गतिरोध टूटा। चेयरमैन को निजीकरण के मामले में संघर्ष समिति को वार्ता हेतु बुलाना पड़ा।

प्रबंधन ने सुधार के लिए कोई सहयोग नही लिया

द्विपक्षीय वार्ता में संघर्ष समिति ने कहा कि बिजली कर्मी सुधार हेतु हमेशा सहयोग देने के लिए तैयार हैं। लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि प्रबंधन ने आज तक  सुधार के लिए कोई सहयोग नहीं लिया और एकतरफा निजीकरण की प्रक्रिया शुरू कर दी। चेयरमैन ने कहा कि सुधार कैसे होगा यह बिजली कर्मियों का नहीं सरकार का कार्य है। इस पर संघर्ष समिति ने कहा की वे हमेशा सहयोग देने के लिए तैयार है, यह प्रबंधन की इच्छा है कि वह सहयोग लेना चाहे तो ले ना लेना चाहे तो ना लें। संघर्ष समिति के पदाधिकारियों के सामने प्रबन्धन ने पीपीटी प्रेजेंटेशन करना शुरू कर दिया जिसके आंकड़े विवादास्पद हैं। संघर्ष समिति ने कहा कि वार्ता का समय निर्धारित किया जाय संघर्ष समिति भी सुधार हेतु अपना प्रेजेंटेशन देगी। चेयरमैन ने शीघ्र विस्तृत वार्ता करने के लिए कहा। 

25000 से अधिक संविदाकर्मियों को वापस लिया जाय

संघर्ष समिति ने साफ शब्दों में कहा कि वार्ता के पहले वार्ता का वातावरण बनाया जाना चाहिए। वार्ता का वातावरण बनाने के लिए निजीकरण के संघर्ष के दौरान मनमाने ढंग से की गई उत्पीड़न की सभी कार्यवाहियां वापस लिया जाना भी जरूरी है। संघर्ष समिति ने कहा कि 25000 से अधिक संविदा कर्मी निजीकरण के नाम पर निकाल दिए गए हैं। उन्हें नौकरी में तुरंत वापस लिया जाए और हटाए जाने की प्रक्रिया बंद की जाय। इसके साथ ही फेशियल अटेंडेंस के नाम पर एक तरफा आर्डर करके बड़े पैमाने पर हजारों की संख्या में बिजली कर्मचारियों का काटा गया वेतन तत्काल दिया जाय। उत्पीड़न के नाम पर एक बिजलीकर्मी का किया गया स्थानांतरण निरस्त किया जाए। 

घरों की लाइटें बंद कर दिया जनता को संदेश कि महंगी होगी बिजली

इसके अलावा आज बिजली कर्मचारियों ने अपने घरों की रात 8 से 9 बजे तक एक घंटा तक बिजली बंद कर आम उपभोक्ताओं को यह संदेश दिया कि यदि बिजली का निजीकरण नही रोका गया तो बिजली इतनी महंगी हो जाएगी कि आम जनता उसे खरीद नहीं सकेगी और उत्तर प्रदेश लालटेन युग में पहुंच जाएगा। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश के बिजली कर्मचारियों के समर्थन में पंजाब के पांच बिजली कर्मचारी और उड़ीसा के दो बिजली अभियंता क्रमिक अनशन में सम्मिलित हुए। 6 मई को हरियाणा के पांच बिजली कर्मचारी क्रमिक अनशन में सम्मिलित होंगे।       क्रमिक अनशन के चौथे दिन 200 से अधिक बिजलीकर्मी अनशन पर बैठे। इनमें वाराणसी, प्रयागराज, गोरखपुर, आजमगढ़, बस्ती, और मिर्जापुर क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले जनपदों के बिजलीकर्मी और लखनऊ नगर के बिजली कर्मी रहे। क्रमिक अनशन में बनारस के ई. मनोज कुमार, ई. मायाशंकर तिवारी, मनीष श्रीवास्तव, अंकुर पाण्डेय, मदन श्रीवास्तव, मनोज यादव, रमेश यादव, अनूप शुक्ला,उदयभान दुबे, कृष्णमोहन आदि के नेतृत्व में सैकड़ो बिजलीकर्मी क्रमिक अनशन में पहुंचे।