आया से बन गई फर्जी महिला डाक्टर, पुलिस ने किया गिरफ्तार और भेजा जेल
कक्षा इंटर पास है बबीता, स्वास्थ्य विभाग और पुलिस की जांच में हुआ खुलासा
पहले करती थी आया की नौकरी, प्रेम विवाह के बाद खोल लिया अस्पताल
सहायिका लाली और आशा कार्यकत्रियों की भूमिका भी हो रही जांच
सम्भल। सम्भल जिले के गुन्नौर थाना क्षेत्र में पुलिस ने फर्जी महिला डॉक्टर बबीता को गिरफ्तार किया है। पहले वह आया थी और बाद में वह अपने को स्त्री रोग विशेषज्ञ बताकर गर्भवती महिलाओं का इलाज और प्रसव करा रही थी। बबीता सिर्फ 12वीं पास है और उसके पास कोई मेडिकल डिग्री नहीं है। इस मामले के सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठने लगे हैं। बताया जाता है कि बबीता गुन्नौर में आया के रूप में काम करती थी। प्रेम विवाह के बाद खुद का नर्सिंग होम खोल लिया और अपने को स्त्री रोग विशेषज्ञ बताकर इलाज और डिलीवरी ऑपरेशन करना शुरू कर दिया। इसकी सूचना पर चिकित्सा विभाग ने छापेमारी की तो पूरा मामला सामने आया। बीबता के खिलाफ एसीएमओ की जांच रिपोर्ट के आधार पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
पुलिस ने रविवार को बबीता को गिरफ्तार करने के बाद कोर्ट में पेश किया। अदालत ने उसे न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया। बबीता के सहायकों की जांच शुरू हो गई है। चिकित्सा विभाग की टीम ने तीन नवंबर को क्षेत्र में छापा मारा था। जांच के दौरान गुन्नौर चौराहा स्थित गय्यूर अली की दुकानों के अंदर संचालित साईं अस्पताल को चेक किया गया। पता चला कि अस्पताल को बुलंदशहर जिले के नरौरा थाना क्षेत्र के श्यामपुरी गली निवासी अनिल कुमार यादव अपनी पत्नी बबीता के साथ मिलकर इसका संचालन कर रहा है। छापे के दौरान टीम ने अस्पताल से डिलीवरी इस्टूमेंट, डाप्लर तथा कई तरह की ओपीडी संबंधित दस्तावेज बरामद किये। पूछताछ में बबीता ने बताया कि उसके अस्पताल का रजिस्ट्रेशन पति डॉ. अनिल कुमार के नाम पर है और सारे दस्तावेज उन्हीं के पास हैं। इस पर टीम ने दस्तावेज उपलब्ध कराने को कहा, लेकिन कोई दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए गए। इसके बाद मामले की जांच सीएमओ ने एसीएमओ डॉ. मनमोहन शर्मा को सौंपी। जांच में सच्चाई सामने आने के बाद एसीएमओ ने बबीता के खिलाफ थाने में मुकदमा दर्ज कराया।
पुलिस की जांच में यह बात सामने आई कि बबीता ने वर्ष 2012 में कक्षा 12 की परीक्षा पास की थी। इंटर करने के बबीता ने बाद अमरोहा जिले के हसनपुर कस्बा स्थित एक नर्सिंग होम में बतौर आया काम शुरू कर दिया। कुछ समय के बाद वह रजपुरा में स्थित सेवा क्लीनिक में काम करने लगी। इसी दौरान उसकी मुलाकात अनिल से हुई। अनिल पहले से ही शादीशुदा था। दोनों के बीच प्रेम संबंध होने के बाद अनिल यादव ने उससे शादी कर ली। फिर वर्ष 2019 में बबीता के लिए गुन्नौर चौराहा पर साई पॉलिक्लीनिक खोल दिया। यहां खुद को स्त्री रोग विशेषज्ञ बताकर बबीता आशा कार्यकत्रियों के जरिए गर्भवती महिलाओं का इलाज करने लगी और प्रसव भी कराने लगी। एसीएमओ डॉ. मनमोहन शर्मा ने बताया कि चिकित्सा विभाग की सख्ती करने के दौरान बबीता ने अस्पताल के नाम का बोर्ड हटवा दिया, लेकिन वह छिपकर गर्भवती स्त्रियों का उपचार व प्रसव कराती रही। इस मामले में बबीता की सहायिका लाली की भूमिका की जांच की जा रही है। इस अवैध अस्पताल के संचालन में सहयोग करनेवाली आशा कार्यकत्रियों की भी जांच हो रही है।