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UP में बिजलीकर्मियों का 29 मई से कार्य बहिष्कार का ऐलान, निजीकरण के विरोध में लिया फैसला

 
यूपी,वाराणसी/भदैनी मिरर। पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के विरोध में बिजली कर्मी बुधवार को सड़क पर उतरे. उन्होंने लखनऊ के शक्तिभवन के सामने जोरदार हंगामा-प्रदर्शन और नारेबाजी की. प्रदेशभर से आए बिजली कर्मियों ने फील्ड हॉस्टल से शक्ति भवन तक रैली निकाली. जिसके बाद आम सभा में 29 मई से कार्य बहिष्कार का प्रस्ताव पारित कर दिया. इसके पहले वह अपने अपने शहरों में 16 से अप्रैल तक जनजागरण करेंगे.
निजी हाथों में नहीं सौंप सकते बिजली उद्योग 
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उप्र के बैनर तले विशाल रैली में बनारस के हजारो बिजलीकर्मियों ने दम भरा. मीडिया प्रभारी अंकुर पाण्डेय ने बताया कि रैली में शामिल विद्युतकर्मियों ने एक स्वर में कहा कि ये बिजली उद्योग हमारे प्रदेश के किसानों, आमजनमानस, मेहनतकश बिजलीकर्मियों के खून पसीने से सींचा हुआ है. जिसके लिए न जाने कितने नवजवान बिजलीकर्मी विद्युत दुर्घटना में कालकवलित हो गए. आमजनमानस टैक्स से प्रदेश को इस उम्मीद के साथ उन्नति के रास्ते पर ले जा रही है कि एक दिन इस विभाग के प्रयास से किसानों की फसल खिलखिलायेगी, उनकी आर्थिक स्थिति सुधरेगी एवं नवजवानों को सरकारी नौकरी मिलेगी. जो लाखो रुपया खर्च कर अपनी पढ़ाई के साथ अपनी जवानी को तपा रहे है कि एक दिन बिजली विभाग में वो भी अपनी सेवा दे सके.
 29 मई से होगा अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार 
आम सभा की बैठक में आंदोलन की रुप-रेखा तय कर दी गई है. जिसमें 29 मई से अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार कर आन्दोलन का निर्णय लिया गया है. इसके पूर्व 16 अप्रैल से 30 अप्रैल तक जनजागरण अभियान चलाया जायेगा, 1 मई को बाईक रैली निकाली जायेगी, 2 मई से 9 मई तक क्रमिक अनशन होगा, 14 मई से 19 मई तक नियमानुसार कार्य आन्दोलन होगा, 20 मई को व्यापक विरोध प्रदर्शन होगा और 21 मई से 28 मई तक तीन घण्टे का कार्य बहिष्कार होगा.