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 इटावा में यादव कथा वाचक से मारपीट पर भड़के अखिलेश यादव, बोले– नहीं रुकी ज्यादती तो...

 

इटावा: इटावा के बकेवर थाना क्षेत्र के दान्दरपुर गांव में एक भागवत कथा के दौरान कथावाचक और उनके साथियों के साथ हुई जातीय अपमान की घटना ने तूल पकड़ लिया है। इस अमानवीय व्यवहार के खिलाफ समाजवादी पार्टी के प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।

अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, "दान्दरपुर गांव में भागवत कथा के दौरान कथावाचक और उनके सहायकों की जाति पूछकर, जब उन्होंने पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) समुदाय से होने की बात बताई, तो कुछ वर्चस्ववादी लोगों ने उन्हें अपमानित किया। न केवल उनके बाल कटवाए गए, बल्कि नाक रगड़वाई गई और इलाके की शुद्धि भी कराई गई।"


उन्होंने आगे लिखा, "हमारा संविधान किसी भी तरह के जातिगत भेदभाव की इजाजत नहीं देता। यह व्यक्ति की गरिमा और सम्मान के साथ जीने के मौलिक अधिकार का उल्लंघन है। सभी आरोपियों को तुरंत गिरफ्तार किया जाए और उन पर सख्त धाराओं में मुकदमा दर्ज हो। अगर तीन दिन के अंदर कड़ी कार्रवाई नहीं हुई तो हम ‘पीडीए के मान-सम्मान की रक्षा’ के लिए एक बड़ा जनांदोलन शुरू करेंगे। हमारे लिए पीडीए का सम्मान सर्वोपरि है।”

क्या है मामला?

दान्दरपुर गांव में कथावाचक मुकुटमणि अपने साथियों संग भागवत कथा करने पहुंचे थे। पहले दिन कलश स्थापना के बाद भोजन के दौरान किसी ने उनकी जाति पूछी। कथावाचक द्वारा यादव और अनुसूचित जाति से होने की जानकारी देने पर गांव के कुछ लोगों ने कथित तौर पर आपत्ति जताई कि इस जाति के लोग कथा नहीं कर सकते।

इसके बाद कथावाचक और उनकी टीम के सदस्यों को ग्रामीणों ने घेरकर जबरन बाल कटवाए, नाक रगड़वाई और कथित तौर पर इलाके की "शुद्धि" कराई।


घटना का वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस हरकत में आई है। एसएसपी बृजेश कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि वीडियो का संज्ञान लिया गया है और पीड़ित की तरफ से तहरीर भी मिली है। मामले की जांच एसपी ग्रामीण को सौंपी गई है। दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।