{"vars":{"id": "125128:4947"}}

Supreme Court के फैसले के बाद सेंगर की बेटी ने लगाई न्याय की गुहार, खुले पत्र में छलका दर्द

उन्नाव रेप केस में कुलदीप सिंह सेंगर की जमानत पर रोक, बेटी इशिता सेंगर ने धमकियों और मानसिक पीड़ा का किया खुलासा

 

नई दिल्ली। उन्नाव रेप केस (Unnao Rape Case) में सुप्रीम कोर्ट के ताजा फैसले के बाद एक नया मानवीय पहलू सामने आया है। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने CBI की अपील पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा दोषी पूर्व भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को दी गई जमानत पर रोक लगा दी। इस फैसले के बाद अब सेंगर की बेटी इशिता सेंगर ने एक भावुक खुला पत्र लिखकर न्याय की गुहार लगाई है।

इशिता सेंगर ने यह पत्र सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (X) पर साझा किया है। उन्होंने लिखा कि वह यह चिट्ठी एक बेटी के तौर पर लिख रही हैं, जो बीते आठ वर्षों से लगातार डर, धमकियों और मानसिक उत्पीड़न का सामना कर रही है।

<a style="border: 0px; overflow: hidden" href=https://youtube.com/embed/rjepScCvvJg?autoplay=1&mute=1><img src=https://img.youtube.com/vi/rjepScCvvJg/hqdefault.jpg alt=""><span><div class="youtube_play"></div></span></a>" title="YouTube video player" width="560">

 

“मैं थक चुकी हूं, डर चुकी हूं” – इशिता

इशिता ने अपने पत्र में लिखा, “मैं यह खत एक ऐसी बेटी के रूप में लिख रही हूं जो थक चुकी है, डरी हुई है और धीरे-धीरे उम्मीद खो रही है।”
उन्होंने सवाल उठाया कि लोग उनके परिवार को ‘ताकतवर’ कहते हैं, लेकिन “यह कैसी ताकत है जो एक परिवार को आठ साल तक बेजुबान बना देती है?”
इशिता सेंगर ने आरोप लगाया कि ट्रायल के दौरान उन्हें और उनके पूरे परिवार को लगातार धमकियां मिल रही हैं। उन्होंने कहा कि उनकी पहचान अब एक इंसान की नहीं, बल्कि सिर्फ “एक बीजेपी विधायक की बेटी” तक सीमित कर दी गई है।

खुले पत्र में उन्होंने यह भी लिखा कि सोशल मीडिया पर उन्हें अनगिनत बार बलात्कार और हत्या जैसी धमकियां दी गईं। “मुझे बार-बार कहा गया कि मेरा रेप किया जाना चाहिए, मुझे मार दिया जाना चाहिए या मुझे सजा मिलनी चाहिए। यह हमारी रोजमर्रा की हकीकत बन चुकी है।”

<a style="border: 0px; overflow: hidden" href=https://youtube.com/embed/sEs-qzqeiEk?autoplay=1&mute=1><img src=https://img.youtube.com/vi/sEs-qzqeiEk/hqdefault.jpg alt=""><span><div class="youtube_play"></div></span></a>" title="YouTube video player" width="560">

 

“हमारी गरिमा छीन ली गई”

इशिता ने भावुक शब्दों में लिखा कि पिछले आठ वर्षों में उनके परिवार की इज्जत और गरिमा टुकड़ों-टुकड़ों में छीनी गई है।  “हर दिन हमारा अपमान किया गया, हमारा मजाक उड़ाया गया और हमें इंसान नहीं समझा गया। हम आर्थिक, भावनात्मक और शारीरिक रूप से पूरी तरह टूट चुके हैं।”
इशिता सेंगर ने साफ किया कि वह यह पत्र न तो किसी को धमकाने के लिए और न ही सहानुभूति बटोरने के लिए लिख रही हैं। उन्होंने आगे लिखा कि “मैं इसलिए लिख रही हूं क्योंकि मैं बहुत डरी हुई हूं और क्योंकि मुझे अब भी विश्वास है कि कोई, कहीं, मेरी बात सुनने की परवाह करेगा।” “हम कोई एहसान नहीं मांग रहे हैं। हम सुरक्षा इसलिए नहीं मांग रहे कि हम कौन हैं, बल्कि इसलिए न्याय मांग रहे हैं क्योंकि हम इंसान हैं।”


क्या है मामला?

उन्नाव रेप केस देश के सबसे चर्चित मामलों में से एक रहा है। कुलदीप सिंह सेंगर इस मामले में दोषी ठहराए जा चुके हैं। हाल ही में दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा दी गई जमानत पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाकर एक बार फिर इस केस को सुर्खियों में ला दिया है।