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UPSC की तैयारी कर रहे युवक ने काटा अपना प्राइवेट पार्ट, वजह कर देगी हैरान

 

प्रयागराज से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां UPSC की तैयारी कर रहे एक युवक ने एक खतरनाक कदम उठा लिया। छात्र ने एनेस्थीसिया का इंजेक्शन लगाकर सर्जिकल ब्लेड से अपना प्राइवेट पार्ट काट डाला। मकान मालिक ने जब उसे दर्द से तड़पते देखा तो तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया। इस वक्त वह एसआरएन अस्पताल में गंभीर हालत में इलाज करा रहा है। लड़के ने ऐसा क्यों किया इसकी वजह आपको हैरान कर देगी।

“मैं लड़की हूं, कोई नहीं मानता था”

दरअसल, युवक अमेठी का रहने वाला है। उसने बताया कि जब वह 14 साल का था, तभी से उसे लगता था कि वह वास्तव में लड़की है। परिवार का इकलौता बेटा होने के कारण वह अपनी बात घरवालों से साझा नहीं कर पाता था। कुछ समय पहले वह मौसी के घर रह रहा था और बाद में पढ़ाई के लिए प्रयागराज आकर किराए पर कमरा लेकर रहने लगा।

पढ़ाई के दौरान उसने यूट्यूब पर जेंडर चेंज से जुड़े वीडियो देखने शुरू किए। इसी दौरान उसकी मुलाकात कटरा क्षेत्र के एक झोलाछाप डॉक्टर से हुई, जिसने उसे इंजेक्शन और ब्लेड खरीदने की सलाह दी। इसके बाद युवक ने अकेले ही अपने कमरे में यह खतरनाक कदम उठा लिया।

दर्द से तड़पते हुए मांगी मदद

एनेस्थीसिया का असर खत्म होते ही युवक दर्द से कराहने लगा। उसने दर्द की दवा भी खाई लेकिन कोई असर नहीं हुआ। आखिरकार उसने मकान मालिक को आवाज लगाई। मकान मालिक ने तुरंत एंबुलेंस बुलाकर पहले बेली अस्पताल और फिर गंभीर हालत में उसे एसआरएन अस्पताल भिजवाया।

मां-बेटे की हालत भावुक कर देने वाली

घटना की खबर लगते ही छात्र की मां अस्पताल पहुंच गई। बेटे की हालत देखकर वह बार-बार रो पड़ती हैं। डॉक्टरों का कहना है कि युवक जेंडर डिस्फोरिया (Gender Dysphoria) नामक मानसिक स्थिति से गुजर रहा है, जिसमें व्यक्ति को अपनी वास्तविक लैंगिक पहचान अलग महसूस होती है।

डॉक्टरों की चेतावनी और आगे का इलाज

एसआरएन अस्पताल के वरिष्ठ सर्जन डॉ. संतोष सिंह ने बताया कि अगर युवक को समय पर अस्पताल नहीं लाया जाता तो उसकी जान भी जा सकती थी। वर्तमान में उसका इलाज चल रहा है और मनोचिकित्सकों की टीम भी उसकी काउंसलिंग कर रही है।
डॉक्टरों के अनुसार, सही प्रक्रिया के तहत हार्मोन थेरेपी और लंबा इलाज करने के बाद ही सुरक्षित जेंडर चेंज सर्जरी की जा सकती है।

प्रयागराज से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां UPSC की तैयारी कर रहे एक युवक ने खुद को लड़की बनाने की चाहत में खतरनाक कदम उठा लिया। छात्र ने एनेस्थीसिया का इंजेक्शन लगाकर सर्जिकल ब्लेड से अपना प्राइवेट पार्ट काट डाला। मकान मालिक ने जब उसे दर्द से तड़पते देखा तो तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया। इस वक्त वह एसआरएन अस्पताल में गंभीर हालत में इलाज करा रहा है।

“मैं लड़की हूं, कोई नहीं मानता था”

युवक अमेठी का रहने वाला है। उसने बताया कि जब वह 14 साल का था, तभी से उसे लगता था कि वह वास्तव में लड़की है। परिवार का इकलौता बेटा होने के कारण वह अपनी बात घरवालों से साझा नहीं कर पाता था। कुछ समय पहले वह मौसी के घर रह रहा था और बाद में पढ़ाई के लिए प्रयागराज आकर किराए पर कमरा लेकर रहने लगा।

पढ़ाई के दौरान उसने यूट्यूब पर जेंडर चेंज से जुड़े वीडियो देखने शुरू किए। इसी दौरान उसकी मुलाकात कटरा क्षेत्र के एक झोलाछाप डॉक्टर से हुई, जिसने उसे इंजेक्शन और ब्लेड खरीदने की सलाह दी। इसके बाद युवक ने अकेले ही अपने कमरे में यह खतरनाक कदम उठा लिया।

दर्द से तड़पते हुए मांगी मदद

एनेस्थीसिया का असर खत्म होते ही युवक दर्द से कराहने लगा। उसने दर्द की दवा भी खाई लेकिन कोई असर नहीं हुआ। आखिरकार उसने मकान मालिक को आवाज लगाई। मकान मालिक ने तुरंत एंबुलेंस बुलाकर पहले बेली अस्पताल और फिर गंभीर हालत में उसे एसआरएन अस्पताल भिजवाया।

मां-बेटे की हालत भावुक कर देने वाली

घटना की खबर लगते ही छात्र की मां अस्पताल पहुंच गई। बेटे की हालत देखकर वह बार-बार रो पड़ती हैं। डॉक्टरों का कहना है कि युवक जेंडर डिस्फोरिया (Gender Dysphoria) नामक मानसिक स्थिति से गुजर रहा है, जिसमें व्यक्ति को अपनी वास्तविक लैंगिक पहचान अलग महसूस होती है।

डॉक्टरों की चेतावनी और आगे का इलाज

एसआरएन अस्पताल के वरिष्ठ सर्जन डॉ. संतोष सिंह ने बताया कि अगर युवक को समय पर अस्पताल नहीं लाया जाता तो उसकी जान भी जा सकती थी। वर्तमान में उसका इलाज चल रहा है और मनोचिकित्सकों की टीम भी उसकी काउंसलिंग कर रही है।
डॉक्टरों के अनुसार, सही प्रक्रिया के तहत हार्मोन थेरेपी और लंबा इलाज करने के बाद ही सुरक्षित जेंडर चेंज सर्जरी की जा सकती है।