वाराणसी को मिली 72वीं सीनियर नेशनल वॉलीबॉल चैंपियनशिप की मेजबानी, अस्सी घाट पर होगा भव्य उद्घाटन
भारतीय वॉलीबॉल महासंघ के पूर्व सीईओ रामावतार सिंह जाखड़ ने की घोषणा -सम्पूर्णानंद स्पोर्ट्स स्टेडियम में जनवरी 2026 में होगा आयोजन, महापौर अशोक तिवारी के प्रयास से काशी बनी मेजबान
वाराणसी, भदैनी मिरर। काशी एक बार फिर इतिहास रचने जा रही है। भारतीय वॉलीबॉल महासंघ ने 72वीं सीनियर नेशनल वॉलीबॉल चैंपियनशिप (पुरुष एवं महिला) की मेजबानी वाराणसी को सौंपी है। यह पहली बार है जब पूर्वांचल या वाराणसी में इस प्रतिष्ठित राष्ट्रीय प्रतियोगिता का आयोजन होगा।
भारतीय वॉलीबॉल महासंघ के पूर्व महासचिव एवं सीईओ रामावतार सिंह जाखड़ के वाराणसी आगमन पर उनके स्वागत के दौरान यह घोषणा की गई। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश वॉलीबॉल संघ के महासचिव सुनील कुमार तिवारी विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।
सम्पूर्णानंद स्पोर्ट्स स्टेडियम में होगा आयोजन
श्री जाखड़ ने बताया कि चैंपियनशिप का आयोजन 4 जनवरी से 11 जनवरी, 2026 तक वाराणसी के नवनिर्मित सम्पूर्णानंद स्पोर्ट्स स्टेडियम में किया जाएगा। इस प्रतियोगिता में देशभर के सभी राज्यों की पुरुष एवं महिला टीमें, भारतीय रेलवे और भारतीय सेना की टीमें शामिल होंगी।
करीब 1300 खिलाड़ी व अधिकारी, जिनमें 450 महिला खिलाड़ी, 550 पुरुष खिलाड़ी और 200-250 आयोजन अधिकारी होंगे, इसमें भाग लेंगे।
उन्होंने कहा कि वाराणसी में इस आयोजन के पीछे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विज़न और प्रदेश सरकार के ‘खेलो इंडिया’ अभियान की प्रेरणा है।
अस्सी घाट पर होगा भव्य उद्घाटन
इस आयोजन का उद्घाटन समारोह वाराणसी के अस्सी घाट पर होगा। उद्घाटन दिवस पर सभी टीमें नमो घाट से नावों के माध्यम से मार्च पास्ट करते हुए अस्सी घाट पहुंचेंगी, जहाँ एक विशेष वॉलीबॉल कोर्ट बनाया जाएगा। उद्घाटन दिवस पर दो प्रदर्शन मैच (एक पुरुष और एक महिला) भी आयोजित होंगे।
रामावतार जाखड़ बोले- “काशी बनेगी वॉलीबॉल का हब”
श्री जाखड़ ने कहा - “काशी की आधुनिक खेल अधोसंरचना, विशेष रूप से सम्पूर्णानंद स्पोर्ट्स स्टेडियम, ने इस आयोजन को संभव बनाया है। यह उत्तर भारत ही नहीं, पूरे देश के लिए गर्व की बात है। हमारी योजना है कि आने वाले समय में काशी को वॉलीबॉल का स्थायी और प्रमुख केंद्र बनाया जाए।”
उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने जताई प्रसन्नता
उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने काशी को मेजबानी सौंपे जाने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि -“यह राज्य के खेल इतिहास की गौरवपूर्ण उपलब्धि है। यह आयोजन युवाओं को प्रेरित करेगा और प्रदेश को खेलों की राजधानी बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।” उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘खेलो इंडिया’ अभियान से प्रेरणा लेकर खेल अधोसंरचना को नई दिशा दे रही है।
महापौर अशोक तिवारी की महत्वपूर्ण भूमिका
इस आयोजन को वाराणसी में लाने में नगर निगम वाराणसी के महापौर अशोक तिवारी की निर्णायक भूमिका रही। उन्होंने भारतीय वॉलीबॉल महासंघ और राज्य संघ के समक्ष लगातार पैरवी कर यह आयोजन काशी को दिलाया। उनके प्रयासों से न केवल वाराणसी को यह मेजबानी मिली, बल्कि काशी को राष्ट्रीय खेल मानचित्र पर एक नई पहचान भी मिली।
स्थानीय संघों की प्रतिक्रिया
जिला वॉलीबॉल संघ, वाराणसी के सचिव सर्वेश पांडे ने कहा कि यह आयोजन काशीवासियों के लिए ऐतिहासिक अवसर है और इसके सफल संचालन के लिए सभी वर्गों से सहयोग अपेक्षित है। संघ के अध्यक्ष प्रो. अभिमन्यु सिंह ने कहा कि - “इस चैंपियनशिप से न केवल खिलाड़ियों को मंच मिलेगा, बल्कि क्षेत्र में खेल संस्कृति को भी नई दिशा मिलेगी।”
प्रसारण और दर्शक
खेल की लोकप्रियता को देखते हुए हर दिन 15,000 से 20,000 दर्शकों के उपस्थित होने की संभावना है। मैचों का प्रसारण टीवी और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से पूरे देश में किया जाएगा, जिससे लाखों दर्शक काशी से होने वाली इस राष्ट्रीय प्रतियोगिता का आनंद उठा सकेंगे।