Betting App Case: युवराज सिंह और रॉबिन उथप्पा को ED का समन, पूछताछ के लिए बुलाया
पूर्व भारतीय क्रिकेटर युवराज सिंह और रॉबिन उथप्पा को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 1xBet सट्टेबाजी ऐप से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में पूछताछ के लिए तलब किया है। रैना और धवन से पहले ही हो चुकी है पूछताछ।
नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने ऑनलाइन सट्टेबाजी एप 1xBet से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस की जांच के तहत पूर्व भारतीय क्रिकेटर युवराज सिंह और रॉबिन उथप्पा को पूछताछ के लिए तलब किया है। ईडी ने उथप्पा को 22 सितंबर और युवराज को 23 सितंबर को दिल्ली स्थित मुख्यालय में पेश होने का नोटिस भेजा है।
सूत्रों के अनुसार, ईडी जांच कर रही है कि क्या इन खिलाड़ियों ने इस अवैध सट्टेबाजी एप का प्रचार किया या इसके प्रचार में अपनी छवि और प्रभाव का इस्तेमाल किया, और इसके बदले कोई भुगतान या अनुबंध प्राप्त किया या नहीं। पूछताछ धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत की जा रही है।
पहले भी कई नाम आए सामने
इस मामले में इससे पहले सुरेश रैना और शिखर धवन से भी पूछताछ हो चुकी है। इसके अलावा, बंगाली अभिनेत्री और पूर्व TMC सांसद मिमी चक्रवर्ती, अभिनेता अंकुश हाजरा और 1xBet की इंडिया ब्रांड एंबेसडर उर्वशी रौतेला भी ईडी के रडार पर हैं। हालांकि, उर्वशी अब तक तय तारीख पर पेश नहीं हुई हैं।
क्या है मामला?
1xBet एक अंतरराष्ट्रीय ऑनलाइन सट्टेबाजी प्लेटफॉर्म है, जिसे भारत में गैरकानूनी माना जाता है। ईडी को संदेह है कि इस प्लेटफॉर्म के जरिए न सिर्फ सट्टा खेला जा रहा था, बल्कि इसके माध्यम से बड़े पैमाने पर मनी लॉन्ड्रिंग भी की जा रही थी। अनुमान है कि इसमें फिल्मी सितारों और क्रिकेटरों ने प्रचार अभियानों के जरिए अप्रत्यक्ष रूप से इस अवैध नेटवर्क को बढ़ावा दिया।
करोड़ों की ठगी और टैक्स चोरी
ईडी का मानना है कि 1xBet जैसे प्लेटफॉर्म ने भारत में लाखों लोगों को लुभाकर करोड़ों रुपये की ठगी की है। इसके अलावा, भारी मात्रा में टैक्स चोरी भी की गई है। पिछले महीने, एक अन्य सट्टेबाजी एप Parimatch को लेकर भी कई राज्यों में छापेमारी हुई थी।
आगे और नाम आ सकते हैं सामने
बाजार विशेषज्ञों के अनुसार, भारत में लगभग 22 करोड़ लोग ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप्स का इस्तेमाल करते हैं, जिनमें से 11 करोड़ से अधिक नियमित उपयोगकर्ता हैं। भारत का ऑनलाइन बेटिंग बाजार करीब 100 अरब डॉलर का है और यह हर साल लगभग 30% की दर से बढ़ रहा है।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 2022 से जून 2025 के बीच 1,524 ऐसे प्लेटफॉर्म्स को ब्लॉक करने का निर्देश दिया गया, जो अवैध रूप से सट्टेबाजी और जुआ को बढ़ावा दे रहे थे।