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प्रेमानंद महाराज अपने चेहरे पर लगाते हैं किस चीज का लेप? जानिए क्या होता है इससे?

 

प्रेमानंद जी महाराज (Premanand Maharaj) न सिर्फ भारत में बल्कि विदेशों में भी आध्यात्मिक जगत का एक जाना-पहचाना नाम हैं। उनके प्रवचनों को सुनने के लिए देश-विदेश से हजारों लोग उमड़ते हैं। सोशल मीडिया पर उनके सत्संग की वीडियो लाखों लोगों द्वारा देखी जाती हैं। राधा रानी के अनन्य भक्त प्रेमानंद जी अपने सादगी भरे जीवन और गहरी आध्यात्मिकता के लिए जाने जाते हैं।

उनके भक्तों का मानना है कि जब वे उन्हें देखते हैं, तो ऐसा प्रतीत होता है मानो ईश्वर के दर्शन हो गए हों। उनके चेहरे पर जो दिव्य तेज और अद्भुत शांति नजर आती है, वह हर किसी को आकर्षित करती है। यही कारण है कि लोग अक्सर जानना चाहते हैं कि प्रेमानंद जी महाराज अपनी त्वचा की देखभाल कैसे करते हैं और उनके चेहरे की आभा का रहस्य क्या है।

माथे पर लगाते हैं पवित्र चंदन

आपने अक्सर देखा होगा कि महाराज जी अपने माथे पर हल्के पीले रंग का लेप लगाए रहते हैं। यह कोई साधारण लेप नहीं, बल्कि शुद्ध चंदन होता है। सनातन धर्म में चंदन को पवित्रता और शांति का प्रतीक माना गया है। इसे लगाने से मन शांत होता है, बुद्धि में निखार आता है और नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है। प्रेमानंद जी भी चंदन को आध्यात्मिक ऊर्जा से जुड़ा मानते हैं।

रज यानी भभूति से जुड़ी है चेहरे की चमक

प्रेमानंद जी के चेहरे पर जो दिव्य चमक दिखाई देती है, वह किसी कॉस्मेटिक क्रीम की देन नहीं, बल्कि रज की है। रज एक प्रकार की भभूति होती है, जिसे सनातन परंपरा में अत्यंत पवित्र माना गया है। यह भगवान शिव से जुड़ी हुई मानी जाती है और आध्यात्मिक शक्ति का प्रतीक होती है। महाराज जी इस रज को अपने चेहरे पर लगाते हैं, जो उनके चेहरे पर एक दिव्य आभा प्रदान करता है।

पानी, व्यायाम और शुद्ध खानपान का रखते हैं विशेष ध्यान

महाराज जी का मानना है कि शरीर, मन और आत्मा – इन तीनों का संतुलन ही सच्ची सुंदरता का स्रोत है। वे बताते हैं कि पर्याप्त मात्रा में पानी पीना, त्वचा को हाइड्रेटेड रखने में मदद करता है, जिससे वह स्वाभाविक रूप से चमकदार बनी रहती है।

इसके अलावा महाराज जी नियमित व्यायाम करते हैं। वे कहते हैं कि शारीरिक सक्रियता सिर्फ स्वास्थ्य ही नहीं, बल्कि चेहरे की आभा को भी बढ़ाती है। उनका मानना है कि “जैसा भोजन, वैसा मन।” इसलिए वे सात्विक और शुद्ध आहार को प्राथमिकता देते हैं।

सौंदर्य नहीं, श्रीहरि की कृपा है असली चमक

महाराज जी पर विश्वास करने वाले भक्तों का कहना है कि उनके चेहरे पर जो तेज दिखता है, वह किसी सौंदर्य प्रसाधन से नहीं आता, बल्कि यह भगवान की कृपा और उनकी भक्ति का असर है। उनका जीवन इस बात का उदाहरण है कि आत्मिक शुद्धता और भक्ति का प्रभाव व्यक्ति के चेहरे पर भी झलकता है।