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बदला समय: काशी में अब सुबह 30 मिनट बाद और शाम 30 मिनट पहले होगी आरती

ठंड के आगमन के साथ वाराणसी के प्रमुख मंदिरों और घाटों पर आरती के समय में हुआ बदलाव; कालभैरव, दुर्गा मंदिर, दशाश्वमेध घाट और अन्य स्थलों पर नई समय-सारिणी लागू

 
वाराणसी, भदैनी मिरर। ठंड ने दस्तक दी तो काशी के मंदिरों और घाटों की आरती व्यवस्था में भी परिवर्तन कर दिया गया है। शहर के प्रमुख मंदिरों और घाटों पर सुबह की आरती 30 मिनट बाद और शाम की आरती 30 मिनट पहले होगी। यह बदलाव श्रद्धालुओं की सुविधा और मौसम के अनुसार किया गया है।
दशाश्वमेध घाट पर मां गंगा की भव्य आरती अब शाम छह बजे से शुरू होगी। पहले यह शाम साढ़े छह बजे होती थी। गंगा सेवा निधि और गंगोत्री सेवा समिति ने नए समय के अनुसार आरती प्रारंभ कर दी है। वहीं, सुबह की आरती अब साढ़े पांच बजे की जा रही है, जो पहले पांच बजे होती थी।
काशी के कोतवाल बाबा कालभैरव मंदिर में भोर की आरती पहले गर्मियों में सुबह चार बजे होती थी, लेकिन अब इसे सुबह पांच बजे से किया जा रहा है। शाम की आरती भी अब साढ़े सात बजे होगी, जो पहले आठ बजे होती थी।
मंदिर के महंत राजेश मिश्र ने बताया कि ठंड के मौसम में आरती के समय में हर वर्ष समायोजन किया जाता है, ताकि श्रद्धालुओं को असुविधा न हो।
दुर्गाकुंड स्थित दुर्गा मंदिर में मंगला आरती अब सुबह पांच बजे होती है, जबकि पहले साढ़े चार बजे शुरू होती थी। शाम की आरती अब साढ़े सात बजे होगी।
बनकटी हनुमान मंदिर में भी शाम की आरती का समय साढ़े सात बजे से घटाकर सात बजे कर दिया गया है।
वहीं, दुर्ग विनायक मंदिर में सुबह की आरती अब साढ़े पांच बजे और शाम की आरती साढ़े छह बजे होगी।
शयन आरती का समय भी रात 10 बजे की जगह साढ़े नौ बजे कर दिया गया है।
मंदिरों के महंतों के अनुसार यह बदलाव सर्दी के मौसम में प्रतिवर्ष परंपरागत रूप से किया जाता है ताकि श्रद्धालुओं को आरती में सम्मिलित होने में असुविधा न हो।