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जो समस्त ब्रह्मांड के नायक हैं वही गणनायक: शिव पुराण कथा में श्रीकृष्णानुरागी पंडित शिवम विष्णु पाठक का प्रवचन

श्री श्रींगेरी मठ में शिव पुराण कथा के दौरान गणेश जन्मोत्सव पर हुआ भजन, व्याख्यान और आरती; कार्तिकेय प्रसंग ने भावविभोर किया श्रोताओं को

 
भदैनी मिरर डेस्क,वाराणसी| काशी के श्री श्रींगेरी मठ में चल रही शिव पुराण कथा आध्यात्मिक रंग में रंगी नजर आई जब मंगलवार को गणेश जन्मोत्सव प्रसंग का पुण्य अवसर आया। कोलकाता से पधारे श्रीकृष्णानुरागी पंडित शिवम विष्णु पाठक ने इस अवसर पर कहा "जो समस्त ब्रह्मांड के नायक हैं वही गणनायक हैं। गणेश जी हमारे जीवन के समस्त विघ्नों को हरते हैं, इसीलिए वे 'विघ्नेश' कहलाते हैं।"
 गणपति का स्मरण और भजनों की गूंज
कथा के दौरान पंडित पाठक ने बताया कि श्री गणेश को सर्वप्रथम पूजनीय देवता का स्थान मिला हुआ है — यह स्वयं देवताओं द्वारा उन्हें प्राप्त वरदान है। उन्होंने कहा कि मानव मात्र को गणपति की सेवा और भक्ति करनी चाहिए क्योंकि वही कल्याणकारी हैं। श्रोताओं के बीच गूंजते गणेश भजनों और वैदिक मंत्रोच्चार ने वातावरण को भक्तिमय बना दिया।
कार्तिकेय प्रसंग में छुपा त्याग का संदेश
कथा के मध्य भगवान कार्तिकेय के प्रसंग को विस्तार से वर्णित करते हुए कथा व्यास ने कहा "जो अपने परिवार और समाज के हित में स्वयं का त्याग कर दे, वही भगवान कार्तिकेय हैं। उनका चरित्र त्याग, समर्पण और कर्तव्य का आदर्श उदाहरण है।"
भक्तों ने लिया भजन और आरती का आनंद
कथागार में उपस्थित भक्तों, संतों और गणमान्य नागरिकों ने कथा का रसास्वादन करते हुए भजनों और मंत्र पुष्पांजलि में भाग लिया। विशेष रूप से काशी विश्वनाथ मंदिर के आरती सेवक महंत की उपस्थिति ने माहौल को और गरिमामयी बना दिया।
कथा के पंचम दिवस बुधवार को विशेष रूप से तुलसी विवाह प्रसंग की व्याख्या की जाएगी। आयोजकों ने सभी श्रद्धालुओं से समय पर पहुंचने और कथा श्रवण करने की अपील की है।