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“जो शिव का न हो सका वो शव के समान” — वाराणसी में शिवपुराण कथा में पंडित शिवम विष्णु का भावपूर्ण प्रवचन

श्री शृंगेरी मठ, महमूरगंज में चल रही शिव महापुराण कथा के पहले दिन श्रद्धालुओं से पंडित शिवम विष्णु पाठक बोले — शिव ही कल्याण हैं, श्रद्धा से मिलता है उनका आशीर्वाद

 

वाराणसी,भदैनी मिरर। काशी की पुण्य भूमि पर श्रावण मास के पावन अवसर पर श्री शृंगेरी मठ, महमूरगंज में शिव महापुराण कथा का भव्य आयोजन किया गया है। 12 जुलाई से 18 जुलाई तक चलने वाली इस सात दिवसीय शिव कथा के पहले दिन कोलकाता से पधारे कथावाचक पंडित श्रीकृष्ण अनुरागी शिवम विष्णु पाठक ने भक्तों को शिव तत्व का मर्म समझाया।

कथा की शुरुआत करते हुए उन्होंने कहा:"जो शिव का न हो सका, वह शव के समान है।" "शिव से ही कल्याण है और शिव ही सर्वोपरि हैं।"

उन्होंने आगे कहा कि शिव महापुराण की कथा सुनने मात्र से जन्म-जन्मांतर के पाप नष्ट हो जाते हैं और भोलेनाथ की कृपा सुलभ हो जाती है। कथा व्यास ने कहा कि श्रद्धा और भक्ति ही शिव को प्रसन्न करने का माध्यम है-यदि भक्त अपनी आस्था से कोई भी छोटा-सा अर्पण करते हैं, तो वह जीवन के कष्टों से मुक्ति दिलाता है।

रुद्राभिषेक का महत्व

पंडित शिवम विष्णु ने कहा कि “श्रावण मास में कम से कम एक बार रुद्राभिषेक अवश्य कराना चाहिए। यह न केवल आत्मिक शांति देता है, बल्कि जीवन में संतुलन और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है।” सुबह के समय, काशी के प्रतिष्ठित वेदज्ञों की देखरेख में सात दिवसीय रुद्राभिषेक यज्ञ भी इस आयोजन का हिस्सा है, जिसमें यजमान पूरे उत्साह और श्रद्धा से भाग ले रहे हैं।

इस सामूहिक कथा का मुख्य यजमान प्रहलादका परिवार है, जो विशेष रूप से कोलकाता से पधारा है। भारतवर्ष के विभिन्न कोनों से भक्तगण इस आयोजन में भाग लेने वाराणसी पहुंचे हैं। श्रोताओं से परिपूर्ण पंडाल में भक्तों ने शिव कथा, भजनों और भक्ति रस का भरपूर आनंद लिया।


कथा का आध्यात्मिक उद्देश्य

इस कथा आयोजन का उद्देश्य शिव भक्ति के भाव को जाग्रत करना, श्रावण मास की महिमा को समझाना और जीवन में शिव तत्व को आत्मसात करने की प्रेरणा देना है। पंडित शिवम विष्णु पाठक ने कथा को गीत, भजन, व्याख्या और पौराणिक प्रसंगों से जीवंत कर दिया, जिससे श्रोता भावविभोर हो गए।