{"vars":{"id": "125128:4947"}}

वाराणसी में माँ कुष्मांडा का सात दिवसीय श्रृंगार महोत्सव कल से, शास्त्रीय और लोक कलाकरों का संगम 

20 अगस्त से 26 अगस्त तक माँ कुष्मांडा दुर्गा मंदिर में होगा आयोजन, 3 दिन शास्त्रीय संगीत और 4 दिन लोक संगीत की अमृतधारा बहेगी

 

पद्म अलंकरण प्राप्त कलाकारों से लेकर लोक गायक तक देंगे अपनी प्रस्तुतियां

समापन पर होगा विशाल अखण्ड भंडारा, हजारों भक्त लेंगे प्रसाद

वाराणसी। आदि शक्ति जगतजननी माँ कुष्मांडा दुर्गा मंदिर में भव्य वार्षिक श्रृंगार महोत्सव एवं सात दिवसीय संगीत समारोह का आयोजन बुधवार 20 अगस्त से 26 अगस्त तक होगा। इस अवसर पर माँ के दिव्य श्रृंगार के साथ देशभर के नामी-गिरामी कलाकार अपनी प्रस्तुतियां अर्पित करेंगे।


तीन दिन शास्त्रीय संगीत – चार दिन लोक रसधारा

कार्यक्रम संयोजक पं. विश्वजीत दुबे ने बताया कि आयोजन को दो हिस्सों में बांटा गया है। पहले 3 दिन शास्त्रीय संगीत की प्रस्तुति होगी। शेष चौथे दिन लोक संगीत और भक्ति गीतों की धारा बहेगी। शास्त्रीय संगीत के पहले दिन पद्मभूषण पं. साजन मिश्रा और स्वरांश मिश्र का गायन, प्रो. राजेश साह का सितार, देवाशीष डे का गायन और कमला शंकर का गिटार वादन होगा।

दूसरे दिन पद्मश्री पं. रोनू मजूमदार और ऋषिकेश मजूमदार की बाँसुरी वादन संगति, विशाल कृष्ण का कथक नृत्य और अन्य कलाकारों की प्रस्तुतियां होंगी।तीसरे दिन केडिया बंधुओं की सितार–सरोद जुगलबंदी, पं. राजेन्द्र प्रसन्ना और राजेश प्रसन्ना की बाँसुरी प्रस्तुति तथा पं. देवव्रत मिश्र का सितार वादन भक्तों को संगीत रस में डुबो देगा।

लोक संगीत का रंग

23 अगस्त से 4 दिनों तक लोक संगीत और भक्ति गीतों की अविरल धारा प्रवाहित होगी। इसमें सांसद मनोज तिवारी, भरत शर्मा व्यास, महुआ बनर्जी, अरविंद अकेला कल्लू, गोपाल राय, आर्यन बाबू सहित 80 से अधिक भजन गायक माँ की आराधना करेंगे।

भव्य श्रृंगार और सजावट

महंत पं. कौशलपति द्विवेदी ने बताया कि प्रतिदिन माँ कुष्मांडा का अलग-अलग राजर्षि श्रृंगार होगा। मंदिर की सजावट के लिए कोलकाता से विशेष कारीगर बुलाए गए हैं, जो मुख्य मंडप को अद्वितीय रूप देंगे। सम्पूर्ण मंदिर विद्युत झालरों और फूलों की सजावट से सुसज्जित रहेगा।
समारोह का समापन 26 अगस्त को त्रिदेव मंदिर सेवक परिवार द्वारा आयोजित भजन संध्या और विशाल अखण्ड भंडारे के साथ होगा, जिसमें हजारों भक्त प्रसाद ग्रहण करेंगे।