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Pitru Paksha 2025 : पितृपक्ष में इन रूपों में पितर आ सकते आपके द्वार, भूलकर भी ना करें इन्हें नाराज

 
Pitru Paksha 2025 : इन दिनों पितृपक्ष चल रहा है, कहा जाता है कि इस दौरान पूर्वज धरती पर अपने वंशजों के बीच रहते हैं और अपने परिवार वालों को आर्शीवाद देते हैं. आपसे ये उम्मीद करते हैं कि उनकी संतानें उनके लिए श्राद्ध, तर्पण या पिंडदान आदि करेंगे, क्योंकि इन कार्यों से वे तृप्त होते हैं. तृप्त होने के बाद वे अपने बच्चों को आशीर्वाद देकर अपने लोक वापस चले जाते हैं. इस दौरान पितर कई रूपों में घर पर दर्शन देते हैं. आज हम आपको बताएंगे की पितर किन रूपों पर आपके घर दर्शन देने आ सकते हैं.

पितृपक्ष में मनुष्य से लेकर पक्षी तक, कई रूपों में पितर आपके द्वार पर आ सकते हैं, हम उन्हें पहचान नहीं पाते. ऐसे में गलती से भी उनका अपमान न करें. ऐसा करने से उनकी आत्मा दुखी होगी और वे नाराज होकर वापस लौट जाएंगे.

पितृपक्ष में इन रूपों में मिल सकते हैं पितरों के दर्शन

कुत्ता, गाय और बिल्ली

पितृपक्ष के दौरान पंचबली भोग में कुत्ते और गाय को भी अर्पण किया जाता है। इस अवधि में अगर कोई कुत्ता घर आए, तो इसे शुभ माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार, कुत्ता यमराज का दूत होता है, और यदि किसी को रास्ते में कुत्ता दिखे तो उसे भगाना या मारना नहीं चाहिए। कुत्ते को भोजन देने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है। इसी तरह, गाय की सेवा से भी पितर प्रसन्न होते हैं, और बिल्लियों को दूध पिलाना भी लाभकारी माना जाता है।

कौआ

पितृपक्ष में कौओं को भोजन कराना आवश्यक माना जाता है, क्योंकि शास्त्रों के अनुसार कौआ पितरों का रूप होता है। बिना कौए को अर्पण किए पितरों को संतुष्ट करना संभव नहीं है। कौओं को भोजन देने से पितर प्रसन्न होते हैं और परिवार को सुखी जीवन का आशीर्वाद देते हैं।

गरीब

श्राद्ध के दिनों में गरीबों को भोजन कराना एक महत्वपूर्ण परंपरा है. पितृपक्ष के दौरान, यदि कोई गरीब आपके दरवाजे पर आता है, तो उसे भूखा न जाने दें। कहा जाता है कि पितर किसी भी रूप में आपके पास आ सकते हैं, इसलिए गरीब को अच्छे से भोजन कराकर दान देना चाहिए.