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शारदीय नवरात्रि छठा दिन: वाराणसी के सिंधिया घाट स्थित कात्यायनी मंदिर में उमड़ी भक्तों की भीड़, इस उपाय से विवाह की मनोकामना होती है पूरी

सुबह की मंगला आरती के बाद देर रात तक जारी रहेगा दर्शन-पूजन का सिलसिला।

 
वाराणसी, भदैनी मिरर। शारदीय नवरात्रि का आज छठा दिन है। इस दिन मां दुर्गा के छठे स्वरूप देवी कात्यायनी की पूजा-अर्चना का विशेष महत्व माना जाता है। वाराणसी के सिंधिया घाट स्थित प्राचीन कात्यायनी देवी मंदिर में भोर से ही भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। सुबह मां का श्रृंगार और मंगला आरती के बाद मंदिर के पट खोल दिए गए तो भक्तों ने दर्शन कर अपने आपको धन्य महसूस किया। दर्शन-पूजन का यह क्रम देर रात तक चलता रहेगा।
मंदिर के महंत ने बताया कि मां कात्यायनी देवी के दर्शन-पूजन से श्रद्धालुओं की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। मान्यता है कि मंगलवार और गुरुवार को मां को दही और हल्दी का लेपन करने से कुंवारी कन्याओं और अविवाहित युवकों के विवाह की इच्छा शीघ्र पूर्ण होती है। इसी कारण इन दिनों मंदिर में कुंवारों और कुंवारियों की लंबी कतार देखी जाती है।
पौराणिक मान्यता के अनुसार कात्यायन ऋषि ने कठोर तपस्या कर देवी से यह वरदान मांगा था कि वे उनकी पुत्री के रूप में जन्म लें। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर देवी ने अपना अजन्मा स्वरूप त्यागकर कात्यायन ऋषि के घर पुत्री रूप में जन्म लिया। अपने पिता के गोत्र से जुड़ने के कारण ही उनका नाम कात्यायनी पड़ा।
श्रद्धालुओं का मानना है कि माता कात्यायनी के दर्शन से जीवन की सभी बाधाएं दूर होती हैं और विवाह जैसी बड़ी इच्छाएं भी पूरी होती हैं। इसी वजह से शारदीय नवरात्रि में विशेष रूप से यहां पर भक्तों का रेला लगा रहता है।