काशी में मोरारी बापू की 958वीं रामकथा 'मानस सिंदूर' आज से, कथा से पहले बाबा विश्वनाथ से ली आज्ञा
रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में हो रही रामकथा का सीधा प्रसारण 170 देशों में, हर दिन सुबह 10 बजे होगी कथा; प्रसाद वितरण की व्यवस्था
वाराणसी, भदैनी मिरर। संत मोरारी बापू की 958वीं रामकथा ‘मानस सिंदूर’ शनिवार शाम चार बजे से सिगरा स्थित रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में आरंभ हो रही है। यह रामकथा 22 जून तक प्रतिदिन सुबह 10 बजे से आयोजित की जाएगी। कथा का आयोजन सेठ दीनदयाल जालान सेवा ट्रस्ट द्वारा किया जा रहा है। इस बार की कथा का शीर्षक ‘मानस सिंदूर’ रखा गया है, जो हाल ही में भारतीय सेना द्वारा किए गए ऑपरेशन सिंदूर से प्रेरित है। कथा से पहले काशी पहुंचे बापू ने श्री काशी विश्वनाथ धाम में बाबा का दर्शन पूजन किया।
कथा से पहले आज्ञा
काशी में शिव के आराध्य भगवान राम का गुणगान करने से पहले श्री काशी विश्वनाथ धाम पहुंचे मोरारी बापू ने कथा की आज्ञा ली। विधवत बाबा का दर्शन-पूजन कर मीडिया से बातचीत में कहा कि वाराणसी पहुंचे अंतरराष्ट्रीय कथावाचक मोरारी बाबू कहा कि अद्भुत है बाबा का दरबार ,मन गदगद हो गया। मेरा सौभाग्य की बाबा का दर्शन मुझे मिला है। मुझे काशी में कथा कहने का अवसर मिला इससे ज्यादा सौभाग्य की बात और क्या होगी।
170 देशों में लाइव प्रसारण
मोरारी बापू के कथा का सीधा प्रसारण यूट्यूब के माध्यम से विश्व के 170 देशों में किया जाएगा, जिससे दुनियाभर के भक्त इससे जुड़ सकेंगे। कथा स्थल के पास श्रोताओं के लिए 'प्रभु प्रसाद' (खुला भंडारा) की व्यवस्था भी की गई है। आयोजकों के अनुसार, देश और विदेशों से भारी संख्या में श्रद्धालुओं के शामिल होने की उम्मीद है।
काशी से मोरारी बापू का विशेष जुड़ाव है। पहली बार उन्होंने यहां नवंबर 1985 में रामकथा सुनाई थी। इसके बाद 1992, 1995 और 1999 में भी उनकी कथाएं काशी में हुईं। पिछले वर्ष द्वादश ज्योतिर्लिंग यात्रा के दौरान उन्होंने विश्वनाथ धाम में एक दिवसीय कथा भी की थी। इस बार उनकी वापसी फिर से काशी में रामकथा के माध्यम से एक दिव्य आध्यात्मिक वातावरण निर्मित कर रही है।
कथा में प्रवेश सभी के लिए निशुल्क है, और सुरक्षा व व्यवस्था की दृष्टि से संपूर्ण परिसर को व्यवस्थित किया गया है।