सावन के दूसरे सोमवार पर काशी विश्वनाथ धाम उमड़ेंगा श्रद्धालुओं का जनसैलाब, गौरी-शंकर स्वरूप में भक्तों को देंगे दर्शन
श्रद्धालुओं के लिए सुरक्षा और दर्शन व्यवस्था चाक-चौबंद
वाराणसी, भदैनी मिरर। सावन मास के पावन अवसर पर वाराणसी में बाबा विश्वनाथ का श्रृंगार हर सोमवार को विशेष स्वरूपों में किया जा रहा है। इसी क्रम में श्रावण मास के दूसरे सोमवार (22 जुलाई) को बाबा विश्वनाथ का श्रृंगार गौरी-शंकर (शंकर-पार्वती) स्वरूप में किया जाएगा। इस अलौकिक रूप के दर्शन का सौभाग्य श्रद्धालुओं और कांवड़ियों को मिलेगा। इससे पहले प्रथम सोमवार को बाबा की चल प्रतिमा का श्रृंगार किया गया था।
काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्व भूषण मिश्र ने बताया कि सावन के हर सोमवार को विशेष श्रृंगार की परंपरा के तहत इस बार गौरी-शंकर स्वरूप में श्रृंगार होगा। इसके बाद 28 जुलाई को तीसरे सोमवार को बाबा का अर्धनारीश्वर रूप और 4 अगस्त को चौथे सोमवार को रुद्राक्ष श्रृंगार होगा। पूर्णिमा (9 अगस्त) के दिन बाबा का वार्षिक झूला श्रृंगार भी किया जाएगा। श्रद्धालुओं के स्वागत हेतु धाम में रेड कार्पेट बिछाई गई है और पुष्पवर्षा की व्यवस्था की गई है।
सीएम योगी ने दिए थे निर्देश, यात्रियों की सुविधा सर्वोपरि
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को वाराणसी दौरे के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिया था कि कांवड़ियों और श्रद्धालुओं की यात्रा सरल और सुरक्षित हो। इसके तहत मंदिर परिसर और शहरभर में सुरक्षा व्यवस्था और दर्शन प्रणाली को बेहतर किया गया है।
तीनों दिशाओं से हो रही निगहबानी
वाराणसी पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल ने बताया कि सुरक्षा के लिए जल, थल और आकाश से निगरानी की जा रही है। गंगा नदी में एनडीआरएफ और जल पुलिस की टीमें तैनात की गई हैं। आठ ड्रोन लगातार हवाई पेट्रोलिंग कर रहे हैं, जबकि एक हाई-एंड टीथर्ड ड्रोन लंबे समय तक उड़ान भरकर निगरानी करेगा। साथ ही 200 सीसीटीवी कैमरे हर गतिविधि पर नजर बनाए हुए हैं।
24 घंटे अलर्ट मोड पर पुलिस बल
श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए 10 क्विक रिस्पॉन्स टीम और 20 मोटरसाइकिल दस्ते 24 घंटे तैनात रहेंगे। 1,500 से अधिक पुलिसकर्मी लगातार गश्त करेंगे। श्री काशी विश्वनाथ धाम तक पहुंचने वाले मार्गों पर विशेष यातायात प्रबंधन लागू कर दिया गया है। शनिवार से मंगलवार सुबह तक डायवर्जन और नो एंट्री लागू है। प्रयागराज-काशी राष्ट्रीय राजमार्ग की बायीं लेन को कांवड़ियों के लिए आरक्षित कर दिया गया है।