Hartalika Teej vrat 2025 : 26 या 27 कब है हरतालिका तीज व्रत? जानें तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
Hartalika Teej vrat 2025 : सनातन धर्म में हरतालिका तीज का विशेष महत्व है। इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और वैवाहिक सुख के लिए व्रत रखती हैं, जबकि कुंवारी कन्याएं अच्छे जीवनसाथी की प्राप्ति के लिए यह व्रत करती हैं। यह पर्व हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है और इसे भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा के लिए समर्पित माना गया है। मान्यता है कि माता पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए यही व्रत किया था। तभी से इसे पति-पत्नी के रिश्ते में सुख-समृद्धि और दीर्घायु का प्रतीक माना जाता है।
कब है हरतालिका तीज 2025 का शुभ मुहूर्त?
पंचांग के अनुसार इस वर्ष 26 अगस्त 2025 (मंगलवार) को हरतालिका तीज का व्रत रखा जाएगा। पूजा का शुभ समय प्रातः 05:56 बजे से 08:31 बजे तक रहेगा। यानी लगभग ढाई घंटे तक महिलाएं विधि-विधान से पूजा करके अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद प्राप्त कर सकती हैं।
हरतालिका तीज की पूजा विधि
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सुबह स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनें और शुभ मुहूर्त में पूजा का संकल्प लें।
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पूजा स्थल पर मिट्टी या रेत से शिव-पार्वती की प्रतिमा बनाकर उन्हें पुष्प, फल, धूप, दीप, वस्त्र और श्रृंगार की सामग्री अर्पित करें।
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सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा करें और फिर माता पार्वती व भगवान शिव की आराधना करें।
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पूजा के दौरान हरतालिका तीज व्रत कथा का वाचन करें और फिर शिव-पार्वती की आरती करें।
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पूजा के अंत में प्रदक्षिणा करके पति की लंबी उम्र, संतान सुख और परिवार की समृद्धि की कामना करें।
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पूजा पूरी होने पर किसी सुहागिन महिला को वस्त्र, श्रृंगार सामग्री, अन्न या धन का दान करें।
व्रत के नियम और मान्यताएँ
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इस व्रत को आमतौर पर निर्जल रखा जाता है।
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यदि कोई महिला प्रातः काल पूजा न कर पाए तो वह प्रदोष काल में भी व्रत का पूजन कर सकती है।
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शिव-पार्वती की पूजा मिट्टी, गोबर, शहद या रेत से बनाई गई प्रतिमा के साथ करना शुभ माना गया है।
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पूजा के समय शिव मंत्रों का जाप करने से पुण्यफल और अधिक बढ़ जाता है।
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मान्यता है कि इस दिन गेहूं का दान करने से व्रत का फल कई गुना बढ़ जाता है।