MP में 14 लाख की इनामी महिला नक्सली सुनीता ने किया आत्मसमर्पण
चार दशक से नक्सल प्रभावित बालाघाट में पहली बार महिला नक्सली मुख्यधारा में लौटी
मध्यप्रदेश। MP के बालाघाट जिले में पहली बार 14 लाख की इनामी महिला नक्सली सुनीता (23) ने हथियार डाल दिए और आत्मसमर्पण कर दिया। सुनीता माओवादी नेता रामदेर की हथियारबंद गार्ड थी। वह नक्सली संगठन से 2022 में जुड़ी थी। सुनीता ने हॉकफोर्स कैंप चौरिया में इंसास राइफल और वर्दी के साथ आत्मसमर्पण किया। पता चला कि कई अन्य नक्सली भी आत्मसमर्पण की तैयारी में हैं। सुनीता की इस घटना के बाद चर्चा होने लगी कि नक्सल प्रभावित बालाघाट जिले में पहली बार किसी महिला नक्सली ने मुख्यधारा में लौटने का निर्णय लिया है। यह जिला चार दशक से नक्सली गतिविधियों से जूझ रहा है। इसलिए सुनीता के आत्मसमर्पण को अहम माना जा रहा है। 1992 के बाद यह पहली बार है कि किसी अन्य राज्य के नक्सली ने सरकार के समक्ष आत्मसमर्पण किया है।
सुनीता छत्तीसगढ़ के बीजापुर तहसील के भैरमगढ़ के गोमवेटा की रहनेवाली है। उसने हॉकफोर्स के सहायक सेनानी रूपेंद्र धुर्वे के समक्ष हथियार सौंपे। सुनीता माओवादी संगठन के एमएमसी जोन प्रभारी और सेंट्रल कमेटी सदस्य (सीसीएम) रामदेर की हथियारबंद गार्ड थी। आत्मसमर्पण के दौरान उसने इंसास राइफल, तीन मैगजीन, पिट्ठू बैग और वर्दी सौंपी है। एक अधिकारी ने बताया कि सुनीता प्रतिबंधित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) केंद्रीय समिति की सदस्य और एनएमसी जोन प्रभारी रामदर की सशस्त्र सुरक्षा गार्ड थी। उस पर छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश पुलिस ने संयुक्त रूप से 14 लाख रुपये का इनाम घोषित किया था। इंसास राइफल रखने वाली सुनीता मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र के गोंदिया और छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव में सक्रिय थी। वह पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ के माड़ इलाके में प्रशिक्षण ले रही थी।
सुनीता ने माड़ क्षेत्र में छह महीने का प्रशिक्षण प्राप्त किया था। फिर उसे रामदेर की सुरक्षा में तैनात किया गया और वह इंद्रावती व माड़ क्षेत्रों में सक्रिय रहती थी। 31 अक्टूबर की सुबह करीब 4 बजे उसने दल से अलग होने का निर्णय लिया और जंगल में अपने हथियारों व सामग्री को डंप करने के बाद आत्मसमर्पण के उद्देश्य से हॉकफोर्स कैंप चौरिया पहुंच गई। पुलिस सूत्रों की मानें तो रामदेर की टीम के कई सदस्य भी आत्मसमर्पण की तैयारी में हैं। रामदेर ने पूछताछ के दौरान बताया कि सोनू दादा, रूपेश दादा और उनके कुछ साथियों ने पहले ही छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र में आत्मसमर्पण कर दिया है। इसके बाद से अब बाकी सदस्य भी आत्मसमर्पण पर विचार कर रहे हैं। दल छोड़नेवाले कुछ नक्सलियों के नाम भी प्रकाश में आये हैं। पुलिस अधीक्षक आदित्य मिश्रा ने बताया कि सुनीता से पूछताछ की जा रही है। आत्मसमर्पण की प्रक्रिया पूरी की जा रही है। उधर, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने उसके आत्मसमर्पण को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा उग्रवादियों को दी गई कड़ी चेतावनी का सकारात्मक परिणाम बताया।
महिला नक्सली सुनीता ने अचानक आत्मसमर्पण को लेकर जहां इसे सकारात्मक कदम बताया जा रहा है वहीं इस पर सवाल भी हो रहे हैं। पूछताछ में पता चला कि संगठन में बदलाव के संकेत मिल रहे थे। रामदेर ने ही अपने दस्ते को बताया था कि सोनू दादा, रूपेश दादा और उनके कई साथी छत्तीसगढ़ व महाराष्ट्र में आत्मसमर्पण कर चुके हैं। अक्टूबर 2025 में छत्तीसगढ़ के बस्तर में 78 नक्सलियों ने सरेंडर किया, जिसमें कई सीनियर कैडर शामिल थे। रूपेश उर्फ सतीश, सेंट्रल कमेटी मेंबर, ने 210 अन्य के साथ हथियार डाले। इससे निचले स्तर के सदस्यों में हताशा फैली। सुनीता ने कहाकि सीनियरों के सरेंडर से लगा कि संगठन कमजोर हो रहा है। लगातार ऑपरेशन, भूख और परिवार से दूरी ने तोड़ दिया। इसके बाद आत्मसमर्पण का मन बना लिया।