WGC का बड़ा दावा: 2026 में सोने की कीमतें 15-30% तक बढ़ सकती हैं, जानें क्या हैं वजहें
विश्व स्वर्ण परिषद की रिपोर्ट में 2026 के लिए दो संभावित परिदृश्य- वैश्विक मंदी में बंपर उछाल, और ट्रंप पॉलिसी सफल हुई तो 20% तक गिरावट भी संभव
नई दिल्ली। विश्व स्वर्ण परिषद (WGC) ने अपनी नई रिपोर्ट में 2026 में सोने की कीमतों को लेकर बड़ा अनुमान पेश किया है। रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक आर्थिक परिस्थितियों के आधार पर सोने की कीमतें मौजूदा स्तर से 15 से 30 प्रतिशत तक बढ़ सकती हैं। परिषद का कहना है कि यदि 2026 में आर्थिक वृद्धि कमजोर रहती है और ब्याज दरें तेजी से गिरती हैं, तो गोल्ड मार्केट में मजबूत बढ़त देखने को मिल सकती है।
इससे पहले साल 2025 में सोने की कीमतों में करीब 60% की ऐतिहासिक वृद्धि देखी जा चुकी है। अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ, भू-राजनीतिक तनाव और सुरक्षित निवेश की बढ़ती मांग इसकी प्रमुख वजह रही। केंद्रीय बैंकों की लगातार खरीद और ब्याज दरों में बदलाव ने भी सोने की कीमतों को दिशा दी।
रिपोर्ट के अनुसार दो बड़े संभावित परिदृश्य
1. मंदी गहराई तो सोना चढ़ेगा 30% तक
रिपोर्ट कहती है कि यदि 2026 में वैश्विक स्तर पर आर्थिक गतिविधियां धीमी पड़ती हैं, जोखिम बढ़ता है और ब्याज दरें गिरती हैं, तो सोने की कीमतें 15–30% तक उछाल ले सकती हैं।
2. ट्रंप की आर्थिक नीतियां सफल रहीं तो गिरावट संभव
रिपोर्ट में यह भी चेतावनी दी गई है कि यदि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की आर्थिक नीतियां तेजी से विकास लाती हैं और जोखिम कम होता है, तो सोने की कीमतों में 5–20% की गिरावट भी संभव है।
ऐसी स्थिति में अमेरिकी डॉलर मजबूत होगा, बांड यील्ड बढ़ेगी और निवेशक जोखिम वाले एसेट्स की ओर जा सकते हैं।
Gold ETF में जोरदार निवेश
WGC की रिपोर्ट बताती है कि गोल्ड ETF इस समय निवेशकों के बीच सबसे पसंदीदा विकल्प बने हुए हैं।
- 2025 में अब तक 77 अरब डॉलर का निवेश गोल्ड ETF में आया है।
- ETF की कुल होल्डिंग 700 टन से अधिक बढ़ चुकी है।
- मई 2024 से गणना की जाए तो कुल होल्डिंग में लगभग 850 टन की वृद्धि हुई।
गोल्ड ETF में बढ़ती मांग के कारण आभूषणों की बिक्री पर इसकी सीधी मार भी देखी गई है।
2026 में सोने की कीमतों में गिरावट की भी संभावना
रिपोर्ट कहती है कि सोने की कीमतें सिर्फ बढ़ेंगी ही— ऐसा जरूरी नहीं है।
यदि 2026 में—
- मुद्रास्फीति का दबाव बढ़ा,
- फेडरल रिजर्व ब्याज दरें बढ़ाए या स्थिर रखे,
- अमेरिकी डॉलर मजबूत हो,
तो सोने में निवेश की धारणा कमजोर पड़ सकती है।
WGC के अनुसार, ऐसी स्थिति में सोने में 5–20% तक गिरावट देखने को मिल सकती है।
रिटेल मांग में कमी और हेज पोजिशन के खत्म होने से यह दबाव और बढ़ सकता है।