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वृंदावन बांकेबिहारी मंदिरः दूसरे दिन खुला तोषखाना, खजाने से निकलीं सोने, चांदी की छड़ियां; रत्न और सिक्के

शनिवार को भी खोला गया था तोषखाना, टीम को मिली थी निराशा

 

कल खोला गया था एक संदूक और अब दो संदूक खोले गये, तोषखाने की तलाशी का काम जारी

मथुरा। मथुरा के वृंदावन में श्री बांकेबिहारी मंदिर का तोषखाना (खजाना) 54 वर्ष के बाद रविवार को दूसरी बार खोला गया। इससे पहले शनिवार को धनतेरस के अवसर पर खोला गया था। पहले दिन की तलाशी में एक संदूक खोला गया था और उसमें टीम को निराशा हाथ लगी थी और संदेह भी हुआ था। लेकिन दूसरे दिन की तलाशी ेमें टीमों को खजाने से सोने-चांदी की छड़ियां मिलीं हैं। इनमें तीन चांदी और एक सोने की छड़ी है। वर्ष 1942 अंकित तीन तांबे के सिक्के और कुछ रत्न, सोने के सिक्के, नग भी मिले हैं। सभी सामानों की लिस्ट तैयार हो रही है। 

मंदिर के सेवायत दिनेश गोस्वामी ने बताया कि दूसरे दिन बांकेबिहारी मंदिर का तोषखाना खोला गया। इस दौरान टीम को सोने-चांदी की छड़ियां मिलीं हैं। तोषखाना में टीमें अब भी कार्य कर रहीं हैं। हालांकि इस खजाने में बड़े पैमाने पर हीरे, जवाहरात होने सम्भावना जताई जा रही थी। लेकिन शनिवार को जब तलाशी हुई तो कुछ खास नहीं निकला। एक संदूक खोला गया जिसकी कुंडी पहले से टूटी हुई थी। मिट्टी के खाली भांड, लकड़ी का मंदिर, तांबे और पीतल के बर्तन ही हाथ लग सके थे। इस दौरान सेवायतों ने हंगामा और नारेबाजी भी की थी। इसके बाद टीम ने खजाने को फिर से सील कर दिया था। 

कोर्ट के आदेश पर खोला गया तोषखाना

आपको बता दें कि श्री बांकेबिहारी मंदिर की हाईपावर्ड कमेटी ने पहली बैठक में मंदिर के खजाने को खोलने का आदेश दिया था। तोषखाना को कोर्ट के आदेश पर सील किया गया था। इसलिए प्रशासन ने सिविल जज जूनियर डिवीजन को कोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर अनुमति मांगी थी। इस पर अदालत ने 18 अक्टूबर को तोषखाना खोलने की तिथि निर्धारित कर दी थी। इस आदेश के तहत शनिवार को हाईपावर्ड कमेटी और प्रशासनिक अधिकारियों की टीम मंदिर पहुंची। तोषखाने का ताला काटकर जब टीम अंदर दाखिल हुई तो मलबा मिला और अंदर गैस भरी थी। मलबे की सफाई के दौरान सर्प का जोड़ा मिला, जिसे वन विभाग की टीम ने हटाया। कल की  तलाशी में पीतल के बर्तन, संदूक, लकड़ी का चौखटनुमा मंदिर और आभूषणों के खाली बॉक्स मिले थे। 

54 वर्ष पहले अंतिम बार खोला गया था तोषखाना

बताया जा रहा है कि इस तोषखाने को 54 वर्ष पहले अंतिम बार खोला गया था। तब से बंद पड़ा था। मंदिर की उच्चाधिकार प्रबंध समिति के आदेश पर शनिवार को सिविल जज जूनियर डिवीजन की अगुवाई में अधिकारियों की मौजदूगी में खजाना खोला गया। मंदिर का रहस्यमयी खजाना खुला, लेकिन मिला कुछ खास नही। पीतल के बर्तन, संदूक, लकड़ी का चौखटनुमा मंदिर और आभूषणों के खाली बॉक्स मिलने से कई सवाल और संदेह खड़े हो गये। दो और संदूकों को खोलना बाकी रह गया था, उसे रविवार को खोला गया। सेवायत सदस्य दिनेश गोस्वामी ने बताया कि तोषखाने में दो बार चोरी हो चुकी हैं। पहली चोरी सन 1926 और दूसरी चोरी 1936 में हुई थी। इसके बाद सन 1971 में यह खजाना कोर्ट के आदेश पर सील किया गया था।