Vice Presidential Polls : उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनाव की तारीखों का एलान, इस दिन होगा मतदान
Vice Presidential Polls : भारत के अगले उपराष्ट्रपति का चयन अब ज्यादा दूर नहीं है। चुनाव आयोग ने शुक्रवार को घोषणा की कि उपराष्ट्रपति पद के लिए मतदान 9 सितंबर 2025 को होगा। चुनाव की अधिसूचना 7 अगस्त को जारी की जाएगी, जबकि नामांकन दाखिल करने की अंतिम तारीख 21 अगस्त निर्धारित की गई है। मतदान के दिन ही परिणामों की घोषणा कर दी जाएगी।
यह पद जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे के बाद खाली हो गया है। उन्होंने 21 जुलाई को स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया था, जबकि उनका कार्यकाल अभी दो वर्षों से अधिक शेष था। उन्होंने अपने पत्र में लिखा, "चिकित्सकीय सलाह के अनुसार स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने के लिए मैं उपराष्ट्रपति पद से तत्काल प्रभाव से इस्तीफा दे रहा हूं।"
कैसे होता है उपराष्ट्रपति का चुनाव?
भारत के उपराष्ट्रपति का चुनाव संविधान के अनुच्छेद 66(1) के तहत किया जाता है। इस प्रक्रिया में लोकसभा और राज्यसभा के निर्वाचित व मनोनीत सदस्य शामिल होते हैं। हालांकि, इस निर्वाचन में राष्ट्रपति हिस्सा नहीं लेते।
चुनाव आयोग को राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव नियम 1974 के नियम 40 के तहत अधिकार है कि वह इन मतदाताओं की अद्यतन सूची तैयार कर उसे बनाए रखे। चुनाव आयोग ने हाल ही में 2025 के उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए निर्वाचक मंडल की अंतिम सूची जारी कर दी है। यह सूची वर्णानुक्रम और संबंधित सदनों के राज्यों के अनुसार व्यवस्थित की गई है।
क्या कहता है सदन का गणित?
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लोकसभा में वर्तमान में 543 में से एक सीट खाली है (बशीरहाट, पश्चिम बंगाल)।
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राज्यसभा में 245 में से 5 सीटें खाली हैं (4 जम्मू-कश्मीर और 1 पंजाब)।
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यानी कुल प्रभावी सदस्य संख्या 782 है, और जीतने के लिए 391 वोट की आवश्यकता होगी, बशर्ते सभी सदस्य मतदान करें।
किसके पास है बढ़त?
एनडीए (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) फिलहाल मजबूत स्थिति में नजर आ रहा है।
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लोकसभा में उसे 293 सांसदों का समर्थन प्राप्त है।
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राज्यसभा में समर्थन करने वाले सदस्यों की संख्या 129 है।
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इस प्रकार कुल समर्थन 422 सांसदों का है, जो बहुमत से कहीं अधिक है।
चुनाव की प्रक्रिया
उपराष्ट्रपति का चुनाव एकल संक्रमणीय मत प्रणाली (Single Transferable Vote System) के जरिए होता है, जो आनुपातिक प्रतिनिधित्व पर आधारित होता है। मतदान गुप्त तरीके से होता है। इसमें सांसदों को उम्मीदवारों की प्राथमिकता के अनुसार क्रम देना होता है — यानी, उन्हें अपने पसंदीदा उम्मीदवार को पहला, फिर दूसरा, तीसरा स्थान आदि देना होता है।
अगले उपराष्ट्रपति को मिलेगा पूरा कार्यकाल
हालांकि धनखड़ ने कार्यकाल के बीच में इस्तीफा दिया है, लेकिन उनके स्थान पर चुने जाने वाले नए उपराष्ट्रपति को पूरा पांच साल का कार्यकाल मिलेगा, न कि केवल शेष समय के लिए।