हिमाचल के युवाओं को विदेश में रोजगार का मिलेगा सुनहरा अवसर
9 अक्तूबर को सरकारी पॉलिटेक्निक हमीरपुर आयोजित किया गया है कार्यक्रम
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने दिया विशेष ओवरसीज भर्ती ड्राइव आयोजित करने का निर्देश
हिमाचल। प्रदेश सरकार ने राज्य के युवाओं को विदेशों में रोजगार का सुनहरा अवसर उपलब्ध कराने के लिए महत्वपूर्ण पहल की है। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने 9 अक्तूबर को सरकारी पॉलिटेक्निक हमीरपुर में एक विशेष ओवरसीज भर्ती ड्राइव आयोजित करने के निर्देश दिए हैं। यह कार्यक्रम हिमाचल प्रदेश स्टेट इलेक्ट्रॉनिक्स डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (एचपीएसईडीसी) की ओर से श्रम एवं रोजगार विभाग, तकनीकी शिक्षा विभाग और भारत सरकार के विदेश मंत्रालय से पंजीकृत भर्ती एजेंसी के सहयोग से आयोजित किया जाएगा।
प्रदेश के मुख्यमंत्री सुक्खू का कहना है कि राज्य सरकार युवाओं को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने बताया कि इस ड्राइव के माध्यम से तकनीकी एवं गैर-तकनीकी क्षेत्रों में विदेशों में रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाए जाएंगे। विदेश मंत्रालय और पंजीकृत एजेंसी के माध्यम से पात्र अभ्यर्थियों का चयन किया जाएगा। इसमें भर्ती प्रक्रिया की पारदर्शिता और विश्वसनीयता सुनिश्चित की जायेगी। पंजीकरण, पात्रता मानदंड और जरूरी दस्तावेजों से संबंधित विस्तृत जानकारी शीघ्र ही रोजगार कार्यालयों, उनकी सोशल मीडिया पेजों, हिमाचल प्रदेश स्टेट इलेक्ट्रॉनिक्स डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन की वेबसाइट पर उपलब्ध करवाई जाएगी।
उन्होंने बताया कि उनकी सरकार 8 अक्तूबर से पांगी में प्राकृतिक खेती से उगाए जौ की खरीद शुरू करेगी। सरकार ने जौ के लिए 60 रुपये प्रति किलोग्राम न्यूनतम समर्थन मूल्य तय किया है। पांगी दूरदराज क्षेत्र है और यहां पहली बार सरकार की ओर से खरीद अभियान चलाया जा रहा है। पांगी क्षेत्र के दौरे के समय मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने बताया कि कृषि विभाग की ओर से खरीद की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। अभी तक इस घाटी में हुड़ान, सेचु, सुराल, किलाड़ और साच में पांच खरीद केंद्र स्थापित किए गए हैं। अभी तक पांगी क्षेत्र के 80 किसानों ने इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए विभाग में पंजीकरण कराया है। प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से गेहूं की खरीद पूरी कर ली गई है। 22 खरीद केंद्रों पर 838 किसानों से कुल 2,123.587 क्विंटल गेहूं खरीदा गया। गेहूं को आटे और दलिया में संसाधित किया जा रहा है। किसानों को उनकी फसल के लिए 1.27 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया।