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सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला : वक्फ कानून पूरी तरह नहीं रुकेगा, कुछ प्रावधानों पर लगी रोक

 

सुप्रीम कोर्ट ने संशोधित वक्फ कानून पर बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने पूरे कानून को रोकने से साफ इंकार कर दिया, हालांकि कुछ प्रावधानों पर रोक लगाई है। इस फैसले के बाद ज्यादातर संशोधन लागू होने का रास्ता साफ हो गया है।

किन प्रावधानों पर लगी रोक

  • वक्फ संपत्ति बनाने के लिए कम से कम 5 साल मुस्लिम होने की शर्त पर रोक लगा दी गई है।

  • सरकार से विवाद की स्थिति में राजस्व अधिकारी को फैसला लेने का अधिकार देने वाले प्रावधान पर भी रोक लगा दी गई है। अब ऐसे मामलों में ट्रिब्यूनल और हाई कोर्ट ही निर्णय करेंगे।

किन प्रावधानों को कोर्ट ने सही माना

  • वक्फ संपत्ति का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य करने पर रोक नहीं लगी है। यानी अब बिना वैध वक्फ डीड के कोई संपत्ति रजिस्टर्ड नहीं हो सकेगी।

  • वक्फ बाय यूजर (बिना डीड के लंबे समय से उपयोग की गई संपत्ति) को मान्यता न देने वाला प्रावधान भी बरकरार रहेगा। कोर्ट ने कहा कि यह नियम भविष्य के लिए है, पुराने मामलों पर इसका असर नहीं होगा।

  • जनजातीय जमीनों को वक्फ से बचाने वाला प्रावधान जस का तस रहेगा।

  • संरक्षित स्मारकों पर वक्फ का दावा करने की अनुमति न देने वाले प्रावधान को भी सही ठहराया गया।

  • पुराने वक्फ एक्ट की धारा 108A (वक्फ कानून को अन्य कानूनों से ऊपर मानने वाला प्रावधान) हटाना गलत नहीं है।

  • सेंट्रल वक्फ काउंसिल में 4 और राज्य वक्फ बोर्ड में 3 गैर मुस्लिम सदस्यों को शामिल करने का प्रावधान भी कायम रहेगा। हालांकि कोर्ट ने कहा कि कोशिश होनी चाहिए कि वक्फ बोर्ड का सीईओ किसी मुस्लिम को ही बनाया जाए।

चीफ जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई और जस्टिस ऑगस्टिन जॉर्ज मसीह की बेंच ने कहा कि संसद से पारित पूरे कानून को रोक देना सही नहीं होगा। इसलिए फिलहाल केवल विवादित हिस्सों पर ही रोक लगाई गई है।

यह आदेश अंतरिम है। वक्फ संशोधन कानून को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर आगे विस्तृत सुनवाई होगी। लेकिन फिलहाल, कुछ प्रावधानों को छोड़कर बाकी संशोधित वक्फ कानून लागू होने में कोई रुकावट नहीं है।