आधुनिक ‘कालनेमि‘ निकला 17 छात्राओं के यौन शोषण का आरोपित स्वयंभू बाबा चैतन्यानंद, जानिए उसकी कहानी
मुकदमा दर्ज होने के बाद दिल्ली से भागा बाबा आगरा के होटल से हुआ गिरफ्तार
दिल्ली के वसंतकुट स्थित एक निजी मैनेजमेंट कॉलेज की छात्राओं ने दर्ज कराया है मुकदमा, पुलिस को दिया है बयान
नई दिल्ली। 17 छात्राओं के यौन शोषण का आरोपित और गेरूआ वस्त्रधारी 62 वर्षीय चैतन्यानंद आधुनिक कालनेमि निकला। उसके खिलाफ दिल्ली में मुकदमा दर्ज होने के बाद पुलिस के डर से चार अगस्त से फरार चैतन्यानंद रविवार को आगरा के एक होटल से गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने जब उसे कोर्ट में पेश किया तो बचाव पक्ष की ओर से बताया गया कि वह एक साधु है। लेकिन जब भगवा वस्त्र में छिपे इस कथित साधु की कोर्ट में असलियत की चंद लाइनें बताई गई तो अचानक में सन्नाटा पसर गया। अपने को महान साधु और संत बताने वाला इस चैतन्यानंद ने छात्राओं के हास्टल के बाथरूम में कैमरे लगवाये थे और उसे अपने मोबाइल से कनेक्ट कर सबकुछ देखा करता था। इसके बाद उन छात्राओं को ब्लेकमेल कर उनके साथ दुष्कर्म करता था।
यह बात हम नही बल्कि छात्राओं ने पुलिस को दिये अपने बयान में बताए। इस बाबा की घिनौनी हरकत ने धर्म का चोला ओढ़कर निक्रिष्ट कार्य करनेवाले कथित साधुओं की कलई एक बार फिर खोलकर रख दी है। फिलहाल अदालत ने इस ‘कालनेमि‘ को पांच दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। अब पुलिस इसे रिमांड पर लेकर पूछताछ कर रही है। खास बात यह कि इसने अपने फैलाये गये धार्मिक आडम्बर और लोगों को मायजाल में फंसाकर करोड़ों रूपये अर्जित कर रखा था। दिल्ली से फरारी के बाद इसे अपने बैंक एकाउंट से 50 लाख रूपये निकाले थे।
इस चैतन्यानंद के खिलाफ दिल्ली के वसंतकुट स्थित एक निजी मैनेजमेंट कॉलेज की छात्राओं ने मुकदमे दर्ज कराये हैं। इस कथित बाबा का विवादों से पुराना नाता है। उस पर पहली बार 42 वर्ष की उम्र में मामला दर्ज हुआ। उसने शिकागो यूनिवर्सिटी से एमबीए और पीएचडी करने का दावा किया है। खुद को दार्शनिक, लेखक और प्रोफेसर बताने वाले स्वामी ने 28 किताबें और 143 रिसर्च पेपर लिखने का भी दावा किया है। उसकी किताब फॉरगेट क्लासरूम लर्निंग के पहले पृष्ठ पर एप्पल संस्थापक स्टीव जॉब्स का हवाला छपा है। उसने यह दावा भी किया कि पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने चुनाव प्रचार के दौरान उनकी पुस्तक ट्रांसफॉर्मिंग पर्सनैलिटी का कई बार जिक्र किया था। लेकिन खुद को विद्वान और विचारक बतानेवाले इस बाबा की असलियत अब सामने आ चुकी है। पीड़ित छात्राओं के बयान, गवाहों की गवाही और पुलिस की कार्रवाई ने साफ कर दिया है कि यह धर्म का चोला ओढ़कर घिनौनी हरकतें करता था। दिल्ली पुलिस ने इसे कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया है और पूछताछ जारी है।
आपको बता दें कि देश की राजधानी दिल्ली स्थित एक आश्रम में 17 छात्राओं के यौन शोषण के मामले में फरार चल रहा चैतन्यानंद सरस्वती उर्फ स्वामी पार्थ सारथी आखिरकार दिल्ली पुलिस के शिकंजे में आ गया। शनिवार शाम वह आगरा के ताजगंज क्षेत्र स्थित होटल द फर्स्ट में कमरा नंबर 101 में ठहरा था। यहां से उसे रविवार की सुबह पुलिस टीम ने नाटकीय अंदाज में गिरफ्तार किया। पुलिस ने बताया कि वह गिरफ्तारी के 11 घंटे पहले होटल पहुंचा था। होटल के कर्मचारियों के अनुसार चैतन्यानंद ने आते ही उसने अपना मायाजाल फैलाया शुरू कर दिया। हाउसकीपिंग स्टाफ को हिदायत दी थी कि उसकी अनुमति के बिना कोई भी कमरे में प्रवेश न करे। उसने यह शर्त रखी थी कि जो व्यक्ति स्नान कर साफ-सुथरा न हो वह उसके कमरे में न आए। कमरे में प्रवेश से पहले चप्पल बाहर उतारना अनिवार्य है। इन निर्देशों के कारण होटल का कोई भी कर्मचारी उसके कमरे में नहीं गया।
होटल में ठहरने के बावजूद वह अपने टैक्सी चालक टीटू के लगातार संपर्क में रहा। शनिवार रात को नवरात्र व्रत बताते हुए उसने फलाहार मंगाने के लिए चालक को फोन किया। इसके बाद नजदीकी रेस्तरां का कर्मचारी खाना लेकर होटल पहुंचा। उसने होटल से मंगाये गये फलाहार का भुगतान भी नहीं किया। न तो होटल के किराये का भुगतान किया है। होटल कर्मचारियों ने बताया कि चैतन्यानंद को कमरा दिलाने में उसके सहयोगी कौशल और चालक टीटू ने मदद की। गिरफ्तारी के बाद इन दोनों ने अपने फोन बंद कर लिए। बाबा की गिरफ्तारी के दौरान होटलकर्मियों ने पैसे मांगे तो पुलिसकर्मियों ने कहा कि रकम चाहिए तो दिल्ली जाकर लेनी होगी। चैतन्यानंद पर प्राथमिकी दर्ज होने के बाद 4 अगस्त को ही दिल्ली से फरार हो गया था। इस दौरान उसने अपने खातों से 50 लाख रुपये से अधिक की राशि निकाली। खाते खोलने के लिए उसने अलग-अलग विवरण वाले दस्तावेज जमा किए थे।
कोर्ट में पेशी के दौरान कथित बाबा के वकील ने दलील दी कि उनके मुवक्किल को मधुमेह और स्वास्थ्य सम्बंधी अन्य समस्याएं हैं। आरोप लगाया कि पुलिस ने उनके फोन, आईपैड और निजी सामान जब्त कर लिये हैं और उन्हें परेशान करने के लिए पुलिस हिरासत में भेजा जा रहा है। हालांकि, पीड़िताओं की ओर से पेश वकीलों ने स्पष्ट कहा कि आरोपी का सामना गवाहों और डिजिटल साक्ष्यों से कराना आवश्यक है, इसलिए पुलिस हिरासत जरूरी है। अदालत में यह भी बताया कि एक गवाह ने खुलकर कहा है कि यदि किसी ने शिकायत की तो उसे उठा लिया जाएगा। ऐसे में साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ का खतरा है। इसके अलावा धोखाधड़ी के एक और मामले में चैतन्यानंद की अग्रिम जमानत पहले ही खारिज हो चुकी है।
छात्राओं को रात में कमरे में बुलाता था स्वयंभू स्वामी चैतन्यानंद
ओडिशा से ताल्लुकात रखने वाले स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती को पहले एमके पार्थसारथी के नाम से जाना जाता था। वह खुद को संत बताता था और लगभग 12 साल से आश्रम में रह रहा था। उन पर ईडब्ल्यूएस छात्रवृत्ति के तहत पीजीडीएम पाठ्यक्रम कर रही छात्राओं से कथित तौर पर छेड़छाड़ और जालसाजी का आरोप है। जांच में पता चला कि छात्रावास किसी “बिग बॉस“ के घर से कम नहीं था। यहां की हर छात्रा लगातार सीसीटीवी की निगरानी में रहती थी। चैतन्यानंद के पास अपने स्मार्टफोन पर इन सभी सीसीटीवी कैमरों की फीड उपलब्ध थी। चैतन्यानंद छात्रावास में भय का माहौल बनाए रखता था। छात्राओं पर चौबीसों घंटे निगरानी उन पर मानसिक दबाव बनाने का एक ज़रिया थी। बाबा के पास अपने स्मार्टफोन पर छात्रावास के सभी सीसीटीवी कैमरों की लाइव फीड की पहुंच थी। बाबा ने हॉस्टल के डीवीआर सिस्टम से छेड़छाड़ की थी। कई सीसीटीवी फुटेज मिटा दिये गये या उनमें फेरबदल किया गया।
बाबा ने कुछ छात्रों के शैक्षणिक प्रमाणपत्रों को रोकने की भी धमकी दी, जिससे वे कॉलेज छोड़ने या शिकायत दर्ज कराने से बचते रहे। बाबा ने कॉलेज के कर्मचारियों पर दबाव डाला और विरोध करने पर उनका नामांकन रद्द करने की धमकी दी। सत्रह छात्राओं ने बाबा चैतन्यानंद के खिलाफ यौन उत्पीड़न, अश्लील संदेश भेजने और शारीरिक संपर्क के लिए मजबूर करने का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई है। छात्राओं ने आरोप लगाया कि बाबा ने उन्हें धमकी दी थी कि अगर उन्होंने उनकी बात नहीं मानी तो उन्हें निलंबित या निष्कासित कर दिया जाएगा। प्राथमिकी के अनुसार चैतन्यानंद कथित तौर पर छात्राओं को रात में अपने कक्ष में बुलाता था। उन्हें अश्लील संदेश भेजता था और विरोध करने पर उन्हें पढ़ाई में फेल करने की धमकी देता था।