डॉलर के मुकाबले फिर कमजोर हुआ रुपया, बाजार में बढ़ी चिंता
डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के फैसले से आईटी सेक्टर और धन प्रेषण पर असर, विदेशी निवेश की कमजोरी से बढ़ा दबाव
नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन द्वारा एच-1बी वीजा शुल्क में भारी बढ़ोतरी के फैसले का असर भारतीय मुद्रा पर साफ दिखने लगा है। मंगलवार को रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 48 पैसे टूटकर अब तक के सबसे निचले स्तर 88.76 पर पहुंच गया। इससे पहले रुपया 88.41 पर खुला था, लेकिन कारोबार के दौरान यह और कमजोर होता गया। सोमवार को भी रुपया 12 पैसे गिरकर 88.28 पर बंद हुआ था।
विदेशी मुद्रा व्यापारियों के अनुसार, एच-1बी वीजा शुल्क 1,00,000 अमेरिकी डॉलर तक बढ़ाने से भारत के आईटी सेक्टर और सेवा निर्यात पर असर पड़ेगा। इससे अमेरिका से धन प्रेषण में कमी आ सकती है और इक्विटी बिकवाली की संभावना भी बढ़ रही है।
सीआर फॉरेक्स एडवाइजर्स के प्रबंध निदेशक अमित पाबारी ने बताया कि विदेशी निवेशकों ने सोमवार को भारतीय शेयर बाजार से 2,910 करोड़ रुपये की निकासी की। यह दर्शाता है कि वैश्विक नीतिगत बदलाव भारत के वित्तीय बाजारों पर गहरा असर डाल रहे हैं।
इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की मजबूती को दर्शाने वाला डॉलर इंडेक्स 0.04 प्रतिशत बढ़कर 97.38 पर पहुंच गया। वहीं, अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल का भाव भी 0.51 प्रतिशत गिरकर 66.23 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया।
घरेलू शेयर बाजार भी इससे अछूता नहीं रहा। मंगलवार को सेंसेक्स 271.99 अंक या 0.33 प्रतिशत गिरकर 81,887.98 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 80.65 अंक या 0.32 प्रतिशत टूटकर 25,121.70 पर आ गया।
जानकारों का कहना है कि विदेशी निवेश में कमजोरी, वैश्विक अनिश्चितता और अमेरिकी नीतियों में बदलाव की वजह से रुपये पर दबाव आने वाले दिनों में भी जारी रह सकता है।