वनवासी कन्या के पिता बने सरसंघचालक मोहन भागवत, किया कन्यादान और पखारे पांव
शंकुलधारा पोखरे पर आयोजित अक्षय कन्यादान महोत्सव में पहुंचे मोहन भागवत
सोनभद्र के जोगीडीह गांव की रजवंती के पिता की भूमिका निभाई
महोत्सव में हुआ 125 जोड़ों का विधि-विधान से विवाह
वाराणसी, भदैनी मिरर। वाराणसी के शंकुलधारा पोखरे पर आयोजित अक्षय कन्यादान महोत्सव में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत शामिल हुए। जबर्दस्त सुरक्षा व्यवस्था के बीच पहुंचे सर संघ चालक ने सोनभद्र के जोगीडीह गांव की वनवासी कन्या रजवंती के पिता की भूमिका निभाई और कन्यादान किया। उन्होंने कन्या पूजन किया और पांव भी पखारे। वनवासी कन्या रजवंती का विवाह सोनभद्र जिले के रेणुकूट निवासी आदिवासी समाज के अमन के साथ हुआ है।
सफेद कुर्ता और पीली धोती में दिखे आरएसएस प्रमुख
आरएसएस प्रमुख ने कन्यादान के समय सफेद कुर्ता और पीली धोती पहन रखी थी। भारतीय संस्कृति, परम्पराओं और मान्यताओं के अनुरूप उन्होंने कंधे पर पीले रंग का गमछा रखकर बरात का स्वागत किया। इसके अलावा 125 जोड़ों के विवाह की रस्म अदायगी के लिए अलग-अलग 125 वेदियां बनाई गईं थीं। समारोह में सभी वर-वधुओं के माता-पिता, सगे सम्बंधी भी आये थे। इधर, सर संघ चालक ने रजवंती के पिता की भूमिका निभाई तो अन्य वर-वधुओं के पिता भी अपनी भूमिका निभा रहे थे। पहले आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के साथ ही अलग-अलग समाज के प्रमुख लोगों ने बरात का स्वागत किया।
द्वारिकाधीश मंदिर से रवाना हुए दूल्हे और बराती
पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार अस्सी स्थित द्वारकाधीश मंदिर से शाम चार बजे घोड़ा, गाड़ी और बग्घियों से 125 दूल्हों ने एक साथ प्रस्थान किया। परिवार के साथ समाज के लोग भी बैंड बाजा, आतिशबाजी के बीच नाचते-झूमते चल रहे थे। किरहिया, गांधी चौक होते हुए बरात शंकुलधारा पहुंची।
मुख्य यजमान रहे वीरेंद्र जायसवाल, जगह-जगह बरात का हुआ स्वागत
अक्षय कन्यादान महोत्सव के मुख्य यजमान वीरेंद्र जायसवाल के आवास के बाहर आरएसएस ने वर यात्रा का स्वागत किया। व्यापारियों ने भी बरातियों का जगह-जगह स्वागत किया। जलपान की भी व्यवस्था थी। इसके बाद बरात शाम साढ़े पांच बजे विवाह स्थल पर पहुंची तो महिलाओं ने परछन किया। आचार्यों ने विवाह पूजन कराया। कार्यक्रम में नव विवाहित युगलों को भेंट स्वरूप साइकिल, सिलाई मशीन, वस्त्र, आभूषण, नकदी और मिष्ठान भेंट किये गये। इस पूरे आयोजन के दौरान पूरा शंकुलधारा और आसपास का क्षेत्र मेला में तब्दील हो गया था। लेकिन अतिविशिष्ट व्यक्ति सर संघ चालक के कार्यक्रम में भाग लेने के कारण कड़ी चौकसी थी। स्थानीय पुलिस के अलावा खुफिया एजेंसियों के अधिकारी क्षेत्र में सक्रिय रहे।