RBI ने घटाया Repo Rate: 5.25% हुआ ब्याज दर, सस्ते होंगे होम-ऑटो लोन; GDP ग्रोथ अनुमान बढ़ा
RBI ने 25 बेसिस पॉइंट की कटौती की; महंगाई में नरमी और अर्थव्यवस्था की रफ्तार को देखते हुए लिया फैसला। SDF और MSF दरों में भी बदलाव, GDP अनुमान 7.3% तक बढ़ाया।
नई दिल्ली। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने नए वर्ष से ठीक पहले आम जनता को राहत देते हुए रेपो रेट में 25 बेसिस पॉइंट की कटौती कर इसे 5.5% से घटाकर 5.25% कर दिया है। यह घोषणा RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की तीन दिवसीय बैठक के बाद की। इस फैसले से उम्मीद है कि आने वाले दिनों में होम लोन और वाहन लोन सस्ते होंगे, जिससे आम उपभोक्ताओं और रियल एस्टेट सेक्टर को राहत मिलेगी।
महंगाई कम, रुपये में गिरावट—इन्हीं हालातों में आया फैसला
MPC ने दो माह में होने वाली अपनी नियमित बैठक में रिकॉर्ड स्तर पर नरम महंगाई और रुपये की कमजोर होती कीमत के बीच संतुलन बनाते हुए यह निर्णय लिया। बीते दिनों महंगाई दर में उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की गई है, जबकि रुपये ने कल अपने अब तक के सबसे निचले स्तर को छुआ था।
गवर्नर मल्होत्रा के अनुसार, “ग्रोथ और महंगाई का मौजूदा संतुलन हमें नीति के लिए पर्याप्त स्पेस देता है।”
GDP अनुमान में बड़ा उछाल
RBI ने इस वित्त वर्ष (2025-26) के लिए GDP ग्रोथ अनुमान को 6.8% से बढ़ाकर 7.3% कर दिया है। वहीं अक्टूबर-दिसंबर तिमाही (Q3) का ग्रोथ अनुमान भी 6.4% से बढ़ाकर 6.7% कर दिया गया है।
हाल ही में आई तिमाही रिपोर्ट में अर्थव्यवस्था ने 8.2% की दमदार वृद्धि दर्ज की थी-जो पिछले छह तिमाहियों में सबसे अधिक है।
महंगाई का नया अनुमान
पहली तिमाही (FY 2026-27) के लिए CPI आधारित महंगाई अनुमान को भी संशोधित कर 4.5% से घटाकर 3.9% किया गया है। हालांकि मल्होत्रा ने कहा कि कीमती धातुओं की बढ़ती कीमतें समग्र CPI में थोड़ी बढ़ोतरी ला सकती हैं।
RBI के मुताबिक महंगाई जोखिम फिलहाल “संतुलित” है।
SDF और MSF दरों में भी बदलाव
मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी ने अन्य प्रमुख दरों में भी संशोधन किया है—
- SDF (Standing Deposit Facility): 5%
- MSF (Marginal Standing Facility): 5.5%
ये बदलाव बैंकों के शॉर्ट-टर्म ब्याज की व्यवस्था को प्रभावित करेंगे।
लिक्विडिटी बढ़ाने के लिए OMO और फॉरेक्स स्वैप
RBI ने बाज़ार में पर्याप्त तरलता सुनिश्चित करने के लिए 1 लाख करोड़ रुपये के सरकारी बॉन्ड खरीद की घोषणा की है, जो Open Market Operations (OMO) के माध्यम से की जाएगी।
इसके अलावा फॉरेक्स स्वैप भी किए जाएंगे, ताकि रुपये पर दबाव को कम किया जा सके और बाजार में स्थिरता बनी रहे।
2025 Wrap: चुनौतियों के बावजूद ‘मजबूत साल’
गवर्नर मल्होत्रा ने कहा कि साल 2025 ने वैश्विक अस्थिरता, भू-राजनीतिक तनाव और व्यापारिक अनिश्चितताओं के बावजूद भारत की अर्थव्यवस्था ने मजबूत ग्रोथ और नियंत्रित महंगाई बनाए रखी।
उन्होंने कहा कि बैंकिंग सेक्टर के वित्तीय पैरामीटर मजबूत हैं, क्रेडिट ग्रोथ बढ़ा है और खुदरा कर्ज ने आर्थिक वृद्धि को सपोर्ट किया है।
RBI ने अपनी नीतिगत स्थिति "Neutral" रखने का फैसला किया है।