लद्दाख में भीषण हिंसा के बीच शांति बहाली की कवायद, निषेधाज्ञा लागू
जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक के भूख हड़ताल के दौरान लेह मार्च के बाद भड़की हिंसा
भीड़ ने भाजपा (BJP) कार्यालय समेत कई भवनों को जलाया, पांच की मौत सुरक्षाबलों सहित कई घायल
श्रीनगर। लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने और इस क्षेत्र को छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर लम्बे समय से चल रहे आंदोलन ने बुधवार को हिंसक रूप ले लिया। राज्य अभियान के अग्रिम मोर्चे पर रहे जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक 15 दिनों से भूख हड़ताल पर थे। बुधवार को हजारों प्रदर्शनकारियों ने छठी अनुसूची के तहत राज्य का दर्जा और संवैधानिक सुरक्षा उपायों की मांग को लेकर भूख हड़ताल के समर्थन में लेह में मार्च किया। इसके बाद विरोध प्रदर्शन समय हिंसा में बदल गया। भीड़ ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) के कार्यालय समेत कई भवनों को आग के हवाले कर दिया। केंद्रीय बलों के कुछ वाहन जला दिये और सुरक्षाबलों पर हमला कर दिया। इस हिंसा में पांच लोगों के मरने और तीन दर्जन से अधिक सुरक्षा बलों सहित लोगों के घायल होने की खबर है। इस घटना के बाद निषेधाज्ञा लागू कर दी गई हैं।
हालांकि बुधवार की शाम को सोनम वांगचुक ने अपना अनशन समाप्त कर दिया और शांति बहाली की अपील की। उधर, इस हिंसा के बाद से शांति बताई जा रही है।
आपको बता दें कि लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने और इस क्षेत्र को छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर चल रहे शांतिपूर्ण आंदोलन के बीच हिंसा-आगजनी शुरू हुई। भाजपा का दफ्तर फूंक दिया गया और केन्द्रीय बलों की कुछ गाड़ियां भी जला दी गईं। लद्दाख प्रशासन ने गुरुवार को दावा किया कि लेह शहर में एक दिन के भीषण अशांति के बाद “शांति“ लौट आई है। प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पों में अब तक 5 लोग मारे गए और दर्जनों घायल हुए थे। इस हिंसा के मामले में 50 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया है। अधिकारियों के अनुसार भीड़ ने लद्दाख स्वायत्त पर्वतीय विकास परिषद परिसर पर धावा बोल दिया। इसके कुछ हिस्सों में आग लगा दी। झड़पें तेज होने पर पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के जवानों ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल किया।
सरकार की चुप्पी से उपजा गुस्सा-वांगचुक
उधर, वांगचुक ने एक्स पर पोस्ट किए गए एक वीडियो संदेश में कहा, “हमारा आंदोलन हमेशा शांतिपूर्ण रहा है। मैं युवाओं से हिंसा को अस्वीकार करने का आग्रह करता हूं। यह उन सभी चीजों के खिलाफ है, जिनके लिए हमने पिछले पांच वर्षों में काम किया है। वांगचुक ने यह भी कहा कि यह गुस्सा सरकार की चुप्पी से उपजा है। उन्होंने कहाकि “हम लेह से दिल्ली तक पैदल चले हैं, हमने उपवास किया है और ज्ञापन सौंपे हैं। लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है। उन्होंने अधिकारियों से बातचीत शुरू करने और युवाओं से अहिंसक तरीकों पर लौटने की अपील की है।
भड़काऊ वीडियो प्रसारित न करने की अपील
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने निवासियों से सोशल मीडिया पर पुराने या भड़काऊ वीडियो प्रसारित न करने की अपील की है और चेतावनी दी है कि गलत सूचना तनाव बढ़ा सकती है। हालांकि गुरुवार को लेह में शांति बनी रही। लेकिन वहां निवासियों ने कहा कि अनिश्चितता बनी हुई है। पुलिस और अर्धसैनिक बल के जवान बड़ी संख्या में तैनात हैं। पांच से अधिक लोगों के इकट्ठा होने पर अब भी प्रतिबंध है। इस मामले में अधिकारियों ने कहा कि हितधारकों के साथ बातचीत जारी रहेगी। जबकि आंदोलनकारियों ने नई दिल्ली की त्वरित कार्रवाई की इच्छा पर संदेह व्यक्त किया है। कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (केडीए) के नेता सज्जाद कारगिली ने कहा, “गेंद अब केंद्र के पाले में है।
उपराज्यपाल ने हिंसा की निंदा की, लद्दाख महोत्सव समापन समारोह रद्द
उपराज्यपाल कविंदर गुप्ता ने हिंसा की निंदा की और पीड़ितों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की। एक वीडियो संदेश में उन्होंने कहा कि झड़पें लद्दाख की परंपराओं के खिलाफ हैं। गुप्ता ने कहा कि नई दिल्ली पहले ही मांगों पर बातचीत शुरू करने के लिए सहमत हो गई है। उन्होंने कुछ समूहों पर अराजकता पैदा करने की कोशिश करने का आरोप लगाया। कहाकि व्यवस्था बहाल करने के लिए अस्थायी कर्फ्यू लगाना ज़रूरी हो गया है। हिंसा ने लद्दाख के सबसे बड़े सांस्कृतिक आयोजन पर भी ग्रहण लगा दिया, जिससे लद्दाख महोत्सव के समापन समारोह को रद्द करना पड़ा।
आशांति केंद्र सरकार की आंख खोलनेवाली होनी चाहिए-उमर अब्दुला
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि अशांति नई दिल्ली के लिए आंख खोलने वाली होनी चाहिए। उन्होंने एक्स पर लिखा, “लद्दाख को राज्य का दर्जा देने का वादा भी नहीं किया गया था। यहां के लोगों ने 2019 में केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा मिलने का जश्न मनाया और अब विश्वासघात और गुस्सा महसूस कर रहे हैं। लद्दाख में स्थिति को गंभीर बताते हुए सत्तारूढ़ नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने गुरुवार को कहा कि नई दिल्ली को लद्दाख नेतृत्व के साथ शीघ्र बातचीत शुरू करनी चाहिए क्योंकि यह क्षेत्र चीन के साथ सीमा साझा करता है।
गृह मंत्रालय ने सोनम वांगचुक को ठहराया जिम्मेदार, कहा-जेनरेशन जेड आंदोलन का जिक्र कर भड़काया
गृह मंत्रालय ने बुधवार को लेह शहर में कानून-व्यवस्था की स्थिति के संबंध में एक बयान जारी किया। इसमें हिंसा भड़काने के लिए सीधे तौर पर जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक और शहर में भूख हड़ताल पर बैठे अन्य लोगों द्वारा दिए गए भड़काऊ बयानों को जिम्मेदार ठहराया है। बयान में कहा गया कि सोनम वांगचुक ने 10 सितम्बर को छठी अनुसूची और लद्दाख के लिए राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर भूख हड़ताल शुरू की थी। यह सर्वविदित है कि भारत सरकार शीर्ष निकाय लेह और कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस के साथ सक्रिय रूप से जुड़ी हुई है। उच्चाधिकार प्राप्त समिति और उप-समिति के औपचारिक माध्यम से उनके साथ कई बैठकें हुई और नेताओं के साथ कई अनौपचारिक बैठकें हुई। इस तंत्र के माध्यम से बातचीत की प्रक्रिया ने लद्दाख अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षण को 45 प्रतिशत से बढ़ाकर 84 प्रतिशत करने, परिषदों में एक तिहाई महिलाओं को आरक्षण प्रदान करने और भोटी और पुर्गी को आधिकारिक भाषा घोषित करने जैसे अभूतपूर्व परिणाम दिए। इसके साथ ही 1800 पदों पर भर्ती की प्रक्रिया भी शुरू की गई। बयान में यह भी उल्लेख है कि उच्चाधिकार प्राप्त समिति की अगली बैठक 6 अक्टूबर को निर्धारित है। जबकि लद्दाख के नेताओं के साथ 26 सितंबर को भी बैठकें प्रस्तावित है। जिन मांगों को लेकर वांगचुक भूख हड़ताल पर थे। वे उच्चाधिकार प्राप्त समिति में चर्चा का अभिन्न अंग है। कई नेताओं द्वारा भूख हड़ताल समाप्त करने का आग्रह करने के बावजूद, उन्होंने भूख हड़ताल जारी रखी और अरब स्प्रिंग शैली के विरोध प्रदर्शनों और नेपाल में जेनरेशन जेड के विरोध प्रदर्शनों का भड़काऊ उल्लेख करके लोगों को गुमराह किया। यह भी कहा गया, ’24 सितंबर को लगभग 11.30 बजे उनके भड़काऊ भाषणों से प्रेरित भीड़ भूख हड़ताल स्थल से निकली और एक राजनीतिक दल के कार्यालय के साथ लेह के मुख्य चुनाव आयुक्त के सरकारी कार्यालय पर हमला किया। उन्होंने इन कार्यालयों में आग लगा दी, सुरक्षाकर्मियों पर हमला किया और पुलिस वाहन को आग लगा दी। आत्मरक्षा में पुलिस को गोलीबारी करनी पड़ी जिसमें दुर्भाग्य से कुछ लोगों के हताहत होने की सूचना है।