वक्फ संशोधन कानून पर ओवैसी का केंद्र पर हमला, बोले– सुप्रीम कोर्ट जल्द सुनवाई कर अंतिम....
AIMIM प्रमुख और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने वक्फ संशोधन अधिनियम पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ एक अंतरिम आदेश है और उम्मीद है कि अदालत जल्द ही इस मामले पर विस्तृत सुनवाई कर अंतिम फैसला सुनाएगी।
केंद्र पर गंभीर आरोप
ओवैसी ने आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार वक्फ की जमीनों पर कब्जा करने की मंशा से यह कानून लेकर आई है। उन्होंने कहा कि केंद्र को यह भी साफ करना चाहिए कि आखिर किन लोगों ने धर्म परिवर्तन के बाद वक्फ को जमीन दान की है। ओवैसी ने कहा कि भले ही सुप्रीम कोर्ट ने कलेक्टर की जांच की शक्ति पर रोक लगा दी है, लेकिन कलेक्टर के पास अभी भी सर्वेक्षण का अधिकार मौजूद है।
सीईओ नियुक्ति पर सवाल
ओवैसी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया है कि वक्फ बोर्ड का सीईओ जहां तक संभव हो, मुस्लिम होना चाहिए। लेकिन केंद्र सरकार बहाना बनाएगी कि उन्हें कोई योग्य मुस्लिम उम्मीदवार नहीं मिला। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि “जो पार्टी एक भी मुस्लिम सांसद नहीं चुनती और टिकट तक नहीं देती, क्या वह वाकई किसी मुस्लिम को सीईओ बनाएगी?”
अनुच्छेद 26 का उल्लंघन बताया
ओवैसी ने सवाल उठाया कि इंटेलिजेंस ब्यूरो में कितने मुस्लिम अधिकारी हैं? फिर वक्फ बोर्ड में गैर मुस्लिमों की नियुक्ति क्यों की जा रही है? उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद 26 का उल्लंघन है। उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा, “अगर किसी गैर-सिख को एसजीपीसी का सदस्य बना दिया जाए तो सिख समुदाय को कैसा लगेगा?”
‘5 साल मुस्लिम होने’ की शर्त पर टिप्पणी
ओवैसी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने उस प्रावधान पर पूरी तरह रोक नहीं लगाई है, जिसमें वक्फ के लिए कम से कम 5 साल मुस्लिम होना जरूरी बताया गया है। उन्होंने कहा कि संविधान की धारा 300 के तहत हर नागरिक को अधिकार है कि अपनी संपत्ति जिसे चाहे, दान कर सके। फिर इस्लाम मानने वालों के लिए ही ऐसी पाबंदी क्यों लगाई गई?