अब EMI होगी कम, गोल्ड लोन आसान और कर्ज लेने वालों को मिलेगा फायदा, जाने क्या हुए RBI के 7 बड़े बदलाव
1 अक्टूबर से लागू हुए 3 नियम, बाकी 4 प्रस्ताव पर जनता से राय मांगी, ब्याज दरों का फायदा अब ग्राहकों तक तेजी से पहुंचेगा
Sep 30, 2025, 17:12 IST
नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंकिंग और ग्राहकों दोनों के हित में सात बड़े बदलाव किए हैं। इनमें से तीन नियम 1 अक्टूबर 2025 से लागू हो गए हैं, जबकि चार बदलाव फिलहाल प्रस्ताव के रूप में हैं और इन पर 20 अक्टूबर तक लोगों से राय मांगी गई है। माना जा रहा है कि इन बदलावों से ग्राहकों को कम ब्याज दर का फायदा जल्दी मिलेगा, गोल्ड लोन लेने की प्रक्रिया आसान होगी और बैंकों को बड़े कर्ज देने के नियमों में राहत मिलेगी।
फ्लोटिंग रेट वाले कर्ज पर राहत
RBI ने फ्लोटिंग रेट वाले कर्ज पर लागू होने वाले 'स्प्रेड' को लेकर अहम बदलाव किया है। अब बैंक तीन साल की लॉक-इन अवधि से पहले भी स्प्रेड कम कर सकते हैं। इससे ग्राहकों को फायदा यह होगा कि जब RBI ब्याज दरें घटाएगा, तो EMI तुरंत कम होगी।
साथ ही, ग्राहकों को यह विकल्प भी दिया जा सकता है कि वे फ्लोटिंग रेट वाले कर्ज को फिक्स्ड रेट में बदल सकें। हालांकि, बैंकों के लिए यह विकल्प देना अनिवार्य नहीं होगा।
गोल्ड लोन के नियम आसान
अब सिर्फ ज्वैलर्स ही नहीं, बल्कि वे सभी कारोबारी जो सोने को कच्चे माल के रूप में इस्तेमाल करते हैं, गोल्ड लोन ले पाएंगे। इसके लिए शहरी सहकारी बैंक (टियर-3 और टियर-4) को भी मंजूरी दी गई है। इससे छोटे कारोबारियों को बड़ी राहत मिलेगी।
बैंकों के लिए पूंजी जुटाना आसान
RBI ने बेसल-III पूंजी नियमों में ढील दी है। अब बैंक विदेशों में जारी किए गए PDI (Perpetual Debt Instruments) के जरिए अधिक पूंजी जुटा सकेंगे। ये विदेशी मुद्रा और रुपये दोनों में हो सकते हैं। इससे बैंकों की टियर-1 कैपिटल मजबूत होगी।
प्रस्तावित बदलाव
1. गोल्ड मेटल लोन (GML): अवधि 180 दिन से बढ़ाकर 270 दिन करने का सुझाव।
2. ज्वैलर्स के लिए राहत: जो ज्वैलर्स खुद गहने नहीं बनाते और काम आउटसोर्स करते हैं, वे भी GML ले पाएंगे।
3. विदेशी बैंकों की शाखाएं: अब हेड ऑफिस को दिए गए कर्ज को सिर्फ 'लार्ज एक्सपोजर फ्रेमवर्क' (LEF) के तहत माना जाएगा।
4. क्रेडिट डेटा रिपोर्टिंग: बैंकों और NBFC को हर हफ्ते क्रेडिट ब्यूरो को जानकारी देनी होगी। अभी यह हर 15 दिन में दी जाती है। साथ ही, CKYC नंबर भी शामिल किए जाएंगे और गलतियों को तुरंत ठीक करना होगा।