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कफ सिरप मामले में नही होगी कार्रवाई, क्योंकि ड्राईवर बुलडोजर की चाभी लेकर चला गया -अखिलेश यादव

कहा-एसटीएफ से लेकर आरोपित तक सब सजातीय, इसलिए उन्हें बचाना है 

 

सपा मुखिया ने भाजपा सरकार पर किया तीखा हमला, कहा-2027 में बाबा जानेवाले हैं

गंगा साफ नही हुईं मगर यूपी का बजट जरूर साफ हो गया

नोएडा। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव बुधवार को ग्रेटर नोएडा में एक कार्यक्रम में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने अपने चिरपरिचित अंदाज में भाजपा सरकार पर तीखा हमला किया। उन्होंने एसआईआर को लेकर कहाकि यह एसआईआर नही एनआरसी है। उन्होंने बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग दोहराई। सपा मुखिया पिछले कई दिनों से बहुचर्चित कफ सिरप तस्करी कांड पर सवाल उठा रहे हैं। इस बार उन्होंने और बड़ा हमला कर दिया। कहाकि इस मामले में कुछ चुनिंदा लोगों को बचाया जा रहा है। तंज कसते हुए कहा कि यहां बुलडोजर कार्रवाई नहीं होगी, क्योंकि ड्राईवर बुलडोजर की चाभी लेकर चला गया है। इस कांड में सजातीय लोगों को बचाया जा रहा है, इसलिए इस मामले कोई कार्रवाई नहीं होगी। 

कार्यक्रम के दौरान अखिलेश यादव ने 2027 के चुनाव को लेकर कहाकि इस बार बाबा विदा होने वाले हैं। दुनिया के बड़े देशों में बेलेट पेपर से चुनाव होते हैं। इसलिए यहां भी बैलेट पेपर से चुनाव होने चाहिए। कप सिरप मामले में आगे कहाकि सजातीय लोगों को बचाना है, इसलिए कोई कार्रवाई नहीं होगी। क्योंकि उत्तर प्रदेश में न्याय बुलडोजर दिलाता है, लेकिन कफ सिरप केस में बुलडोजर का ड्राइवर चाबी लेकर चला गया है। एसटीएफ में और कफ सिरप में शामिल भी वही लोग हैं। नशीले कफ सिरप से कई मासूम बच्चों की जान चली गई। लेकिन भाजपा सरकार में इस मामले में न्याय की उम्मीद करना बेमानी होगी। एसआईआर को लेकर कहाकि विपक्ष के वोट काटे जा रहे हैं और 5 करोड़ से अधिक फॉर्म फिर से भरवाए जा रहे हैं।

बिसहाड़ा गांव में आरोपितों के केस वापस लेने के वादे पर अखिलेश ने कहाकि जब मुख्यमंत्री अपने गंभीर मामलों को वापस ले सकते हैं, तो यह केस क्या है? हमारी सरकार आने पर किसानों के सभी लंबित मुद्दे जल्द निपटाए जाएंगे। किसानों के मुद्दे जल्द से जल्द खत्म किये जाएंगे। फिल्म सिटी के मुद्दे पर सपा मुखिया ने कहा कि भाजपा को फिल्म सिटी बनाने की जरूरत ही नहीं है, क्योंकि उनकी सरकार में खुद कलाकार भरे हुए हैं। नदियों की सफाई पर कहा कि यहां की गंदगी नदियों से कन्नौज जाती है और कन्नौज से गंगा में गिरती है। गंगा तो अभी तक साफ़ नहीं हुई, मगर उत्तर प्रदेश का बजट जरूर साफ हो गया।