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नए साल का जश्न पड़ सकता है फीका: Zomato-Swiggy समेत गिग वर्कर्स की हड़ताल, फूड डिलीवरी पर संकट

31 दिसंबर को देशव्यापी स्ट्राइक, 10-मिनट डिलीवरी मॉडल के खिलाफ गिग वर्कर्स आर-पार की लड़ाई के मूड में
 

 

नई दिल्ली। नए साल के जश्न से ठीक पहले गिग वर्कर्स की देशव्यापी हड़ताल ने फूड डिलीवरी और क्विक कॉमर्स सेवाओं पर संकट खड़ा कर दिया है। Zomato, Swiggy, Blinkit और Zepto जैसे बड़े प्लेटफॉर्म्स से जुड़े गिग वर्कर्स ने 31 दिसंबर को राष्ट्रव्यापी स्ट्राइक का एलान किया है। ऐसे में न्यू ईयर पार्टी के लिए ऑनलाइन खाना या जरूरी सामान ऑर्डर करने वालों को निराशा का सामना करना पड़ सकता है।

क्रिसमस के दिन हुई सांकेतिक हड़ताल के बाद अब वर्कर्स यूनियनों ने अपनी मांगों को लेकर आंदोलन तेज कर दिया है। 31 दिसंबर को फूड डिलीवरी कंपनियों का साल का सबसे व्यस्त दिन माना जाता है और इसी दिन हड़ताल से सेवाओं के पूरी तरह ठप होने की आशंका जताई जा रही है।

10-मिनट डिलीवरी मॉडल बना हड़ताल की बड़ी वजह

गिग वर्कर्स का आरोप है कि क्विक कॉमर्स कंपनियों का ‘10-मिनट डिलीवरी मॉडल’ उनकी जान के लिए खतरा बन चुका है। इंडियन फेडरेशन ऑफ ऐप-बेस्ड ट्रांसपोर्ट वर्कर्स (IFAT) का कहना है कि समय की होड़ में डिलीवरी पार्टनर्स को तेज रफ्तार और असुरक्षित परिस्थितियों में काम करना पड़ता है।

10 सूत्रीय मांग पत्र सौंपा

IFAT ने सरकार को 10 सूत्रीय मांग पत्र सौंपते हुए गिग वर्कर्स के लिए कई अहम मांगें रखी हैं। इनमें प्रमुख हैं—

  • डिलीवरी पार्टनर्स के लिए 24,000 रुपये मासिक न्यूनतम आय
  • राइड-हेलिंग ड्राइवरों के लिए 20 रुपये प्रति किलोमीटर रेट
  • गिग वर्कर्स को ‘पार्टनर’ नहीं, बल्कि कानूनी रूप से ‘वर्कर’ का दर्जा
  • स्वास्थ्य और दुर्घटना बीमा जैसी सामाजिक सुरक्षा
  • काम के घंटे आठ घंटे तक सीमित करना
  • बिना वजह आईडी ब्लॉक करने पर रोक

वर्कर्स एल्गोरिद्म में पारदर्शिता और कंपनियों द्वारा की जाने वाली कमीशन कटौती पर अधिकतम 20% की सीमा तय करने की भी मांग कर रहे हैं।

केंद्रीय श्रम मंत्री से हस्तक्षेप की मांग

यूनियनों ने केंद्रीय श्रम मंत्री मनसुख मांडविया को पत्र लिखकर तत्काल हस्तक्षेप की अपील की है। उनका आरोप है कि कंपनियां मुनाफे के लिए गिग वर्कर्स की सुरक्षा और अधिकारों की अनदेखी कर रही हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह हड़ताल भारत की गिग इकोनॉमी के लिए एक बड़ा मोड़ साबित हो सकती है। 31 दिसंबर को फूड डिलीवरी और क्विक कॉमर्स कंपनियों का सबसे बड़ा कारोबार होता है। ऐसे में स्ट्राइक से उन्हें करोड़ों रुपये का नुकसान हो सकता है।

ग्राहकों के लिए क्या सलाह

25 दिसंबर को गुरुग्राम और दिल्ली-NCR में हुए सांकेतिक हड़ताल के असर को देखते हुए ग्राहकों को सलाह दी जा रही है कि वे अंतिम समय में ऑर्डर करने से बचें, क्योंकि डिलीवरी में भारी देरी या ऑर्डर कैंसिल होने की संभावना बनी हुई है।