मूडीज का अनुमान: अगले साल 6.5% की दर से बढ़ेगी भारत की इकोनॉमी, ट्रंप टैरिफ की निकलेगी हवा
रेटिंग एजेंसी मूडीज ने कहा - भारत जी-20 देशों में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बना रहेगा | 2025 में 7% और 2026 में 6.5% की दर से विकास का अनुमान
नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने भारत की अर्थव्यवस्था को लेकर सकारात्मक अनुमान जारी किया है। एजेंसी के अनुसार, भारत की अर्थव्यवस्था 2025 में 7% और 2026 में 6.5% की दर से बढ़ेगी। मूडीज ने कहा कि भारत की विकास दर को मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर निवेश, स्थिर उपभोग और विविध निर्यात बाजार का लाभ मिल रहा है।
भारत जी-20 में सबसे तेज़ बढ़ती अर्थव्यवस्था रहेगा
मूडीज ने अपनी ग्लोबल मैक्रो आउटलुक रिपोर्ट में कहा कि भारत जी-20 देशों में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बना रहेगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत की आर्थिक गतिविधियों को सरकारी पूंजीगत खर्च, घरेलू मांग, और सेवा क्षेत्र का मजबूत प्रदर्शन सहारा दे रहा है।
हालांकि, एजेंसी ने यह भी जोड़ा कि निजी क्षेत्र अभी भी कैपिटल एक्सपेंडिचर (CapEx) यानी निजी निवेश को लेकर सतर्क रुख अपना रहा है।
2025 में 7% और 2026 में 6.5% की वृद्धि दर का अनुमान
मूडीज के मुताबिक, कैलेंडर वर्ष 2025 में भारत की वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर 7% रहने की उम्मीद है, जो 2024 के 6.7% से अधिक होगी।
यह अनुमान आधार वर्ष 2011-12 पर आधारित वास्तविक जीडीपी के अनुसार है।
एजेंसी का मानना है कि भारत का निर्यात क्षेत्र ट्रंप टैरिफ के बावजूद मजबूत प्रदर्शन कर रहा है। जिन उत्पादों पर अमेरिका ने 50% शुल्क लगाया था, उनमें से कई भारतीय निर्यातकों ने नए बाजारों की ओर रुख कर निर्यात को पुनर्निर्देशित किया है।
सितंबर में भारत का कुल निर्यात 6.75% बढ़ा, जबकि अमेरिका को निर्यात में 11.9% की गिरावट दर्ज की गई।
चीन की अर्थव्यवस्था के लिए धीमी गति का अनुमान
मूडीज ने चीन की आर्थिक वृद्धि को लेकर अपेक्षाकृत धीमा अनुमान जताया है।
2025 में चीन की अर्थव्यवस्था के 5% की दर से बढ़ने की उम्मीद है, जबकि 2027 तक यह घटकर 4.2% रह सकती है।
एजेंसी ने कहा कि चीन की वृद्धि फिलहाल सरकारी प्रोत्साहन और निर्यात समर्थन पर निर्भर है।
वैश्विक अर्थव्यवस्था की रफ्तार भी धीमी पड़ने की संभावना
रिपोर्ट के मुताबिक, वैश्विक स्तर पर जीडीपी की वृद्धि दर 2026-27 में 2.5% से 2.6% के बीच रहने का अनुमान है, जो 2024 के 2.9% की तुलना में कम होगी।
मूडीज ने कहा कि अमेरिका-चीन के बीच बढ़ते व्यापारिक तनाव और टैरिफ बाधाओं के कारण वैश्विक व्यापार पर दबाव बढ़ सकता है। हालांकि, अन्य देशों के बीच आर्थिक साझेदारी और नई तकनीकों के अपनाने से उत्पादकता बढ़ने की संभावना भी है।