Mann ki Baat : शुभांशु शुक्ला की तारीफ से लेकर लोकपरंपराओं तक, जानें PM Modi के मन की बात की बड़ी बातें
PM Modi Mann Ki Baat : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' के 124वें संस्करण में देशवासियों को संबोधित किया और बीते दिनों की देश की उपलब्धियों और सांस्कृतिक गौरव को साझा किया। उन्होंने विज्ञान, खेल, टेक्सटाइल, स्वतंत्रता संग्राम के नायकों और पर्यावरण संरक्षण जैसे विविध विषयों पर विचार रखे।
भारत की अंतरिक्ष में उड़ान और बच्चों में बढ़ती वैज्ञानिक चेतना
पीएम मोदी ने अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला की सफल वापसी का जिक्र करते हुए कहा कि जैसे ही वह धरती पर लौटे, पूरे देश ने गर्व महसूस किया। उन्होंने चंद्रयान-3 की सफलता के बाद बच्चों में विज्ञान के प्रति जागरूकता और रुचि बढ़ने पर खुशी जाहिर की। 'इंस्पायर मानक' जैसे अभियानों से लाखों स्कूली बच्चे नवाचार की ओर प्रेरित हो रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने बताया कि देश में अब स्पेस स्टार्टअप्स की संख्या 200 के पार पहुंच चुकी है, जो पहले 50 से भी कम थी। उन्होंने 23 अगस्त को नेशनल स्पेस डे मनाने का आह्वान किया और लोगों से सुझाव भेजने की अपील की।
ओलंपियाड में भारत की चमक
प्रधानमंत्री ने हाल ही में विज्ञान और गणित की अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भारतीय छात्रों के उत्कृष्ट प्रदर्शन की सराहना की। केमिस्ट्री और मैथ ओलंपियाड में भारत के छात्रों ने कई पदक जीते। उन्होंने बताया कि आने वाले महीने में मुंबई में एस्ट्रोनॉमी और एस्ट्रोफिजिक्स ओलंपियाड का आयोजन होगा, जो अब तक का सबसे बड़ा आयोजन होगा।
देश के किलों में छिपी है हमारी विरासत की ताकत
पीएम मोदी ने 12 मराठा किलों को UNESCO World Heritage में शामिल किए जाने पर प्रसन्नता जताई। इनमें महाराष्ट्र और तमिलनाडु के ऐतिहासिक किले शामिल हैं – जैसे शिवनेरी, प्रतापगढ़, रायगढ़ और विजयदुर्ग। उन्होंने राजस्थान, कर्नाटक और उत्तर प्रदेश के अन्य ऐतिहासिक किलों जैसे चित्तौड़गढ़, आमेर, चित्रदुर्ग और कालिंजर का भी उल्लेख किया।
प्रधानमंत्री ने देशवासियों से आग्रह किया कि वे इन किलों की यात्रा कर अपने गौरवशाली इतिहास को जानें और पीढ़ियों तक उस चेतना को आगे बढ़ाएं।
क्रांति और बलिदान का महीना – अगस्त
अगस्त को क्रांति का महीना बताते हुए प्रधानमंत्री ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी खुदीराम बोस को श्रद्धांजलि दी, जिन्होंने सिर्फ 18 साल की उम्र में ब्रिटिश सत्ता के खिलाफ फांसी स्वीकार की थी। उन्होंने 8 अगस्त को भारत छोड़ो आंदोलन की वर्षगांठ, 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस, और 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस का विशेष रूप से उल्लेख किया।
हैंडलूम, खादी और आत्मनिर्भर भारत का संदेश
प्रधानमंत्री ने 7 अगस्त को मनाए जाने वाले राष्ट्रीय हैंडलूम दिवस का जिक्र करते हुए खादी और भारत के टेक्सटाइल सेक्टर की ताकत पर बात की। उन्होंने महाराष्ट्र की कविता धवले और ओडिशा की संथाली साड़ी से जुड़ी महिलाओं की मिसाल दी, जो न केवल कपड़ा बना रही हैं बल्कि भारत की सांस्कृतिक पहचान को भी संजो रही हैं।
उन्होंने कहा कि भारत में 3000 से ज्यादा टेक्सटाइल स्टार्टअप्स सक्रिय हैं और यह सेक्टर आत्मनिर्भर भारत की दिशा में अहम भूमिका निभा रहा है।
लोक परंपराओं में भी है पर्यावरण का संदेश
ओडिशा के क्योंझर जिले की राधाकृष्ण संकीर्तन मंडली का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने बताया कि किस तरह पारंपरिक भजन-कीर्तन के जरिए जंगलों की आग के प्रति लोगों को जागरूक किया जा रहा है। यह दर्शाता है कि भारत की लोक परंपराएं आज भी समाज को दिशा देने में सक्षम हैं।
संस्कृति, प्रकृति और टेक्नोलॉजी का संगम
प्रधानमंत्री ने तमिलनाडु के मणि मारन द्वारा पांडुलिपियों को डिजिटाइज करने की कोशिशों की तारीफ की और देशवासियों से भारत की प्राचीन ज्ञान परंपरा को संरक्षित करने की अपील की।
उन्होंने असम के काजीरंगा नेशनल पार्क में हुई पक्षियों की गिनती को सराहा, जिसमें 40 से अधिक प्रजातियों की पहचान हुई। साथ ही, प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के ज़रिए मछली पालन से जुड़े लोगों की सफलता की भी चर्चा की।
खेल, स्वच्छता और त्योहारों की बात
प्रधानमंत्री ने वर्ल्ड पुलिस एंड फायर गेम्स में भारत की शानदार उपलब्धि पर बधाई दी, जहां देश ने करीब 600 पदक जीते। उन्होंने स्वच्छ भारत मिशन को जन आंदोलन बताते हुए कहा कि अब यह सिर्फ सफाई तक सीमित नहीं, बल्कि जीवनशैली का हिस्सा बन चुका है।
कार्यक्रम के अंत में उन्होंने हरियाली तीज, नाग पंचमी, रक्षा बंधन और जन्माष्टमी जैसे आगामी त्योहारों की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि ये पर्व केवल परंपरा नहीं, बल्कि प्रकृति से जुड़ाव और संतुलन का संदेश देते हैं।