60 लाख बीमा पालिसी के लिए भाई का हमशक्ल तलाशा और कर दी हत्या, मिला आजीवन कारावास
राजस्थान के अलवर जिले का चर्चित मामला, तीन साथियों ने ढाबे में काम करनेवाले रामकेश को मार डाला
अदालत दो दिन पहले रामकेश हत्याकांड के दो सह आरोपितों पवन और याकूब को भी सुना चुकी है सजा
पहले दोस्ती की, कपड़े-जूते दिलाये, शराब पिलाई, बोलेरो में घुमाया फिर निर्दोष की ले ली जान
अलवर। राजस्थान के अलवर जिले में लापता भाई के नाम की बीमा पालिसी के 60 लाख रुपए हड़पने के लिए खौंफनाक साजिश रचनेवाले मुख्य आरोपित और घटना के मास्टरमाइंड अनिल खत्री को अदालत ने आजीवन कारावास और 20 हजार जुर्माने की सजा सुनाई है। गौरतलब है कि इस सनसनीखेज और चर्चित हत्याकांड के दो सह आरोपितों पवन और याकूब को दो दिन पहले कोर्ट आजीवन कारावास की सजा सुना चुकी है।
बीमा पालिसी के 60 लाख हड़पने के लिए तीन दोस्तों ने योजना बनाई। उन्होंने एक ऐसे युवक की पहचान की जो उनके लापता साथी जैसा दिखता था। मकसद उसे मारकर बीमे का पैसा लेना था।
जानकारी के अनुसार अनिल का भाई सुनील लंबे समय से लापता था। अनिल ने उसकी एलआईसी पॉलिसी के 60 लाख रुपए पाने के लिए सुनील को “मृत“ दिखाने की साजिश रची। अनिल ने अपने साथियों पवन और याकूब के साथ मिलकर ऐसे युवक की तलाश की जिसकी कद-काठी सुनील जैसी थी। उन्होंने महावीर ढाबे पर काम करनेवाले सालपुर के 24 वर्षीय रामकेश से दोस्ती की। फिर 30 सितंबर को उसे नए कपड़े और जूते दिए, फिर बोलेरो में बैठाकर शराब पिलाने के बहाने अपने साथ ले गए। मौका मिलते ही तीनों ने मिलकर रामकेश की हत्या कर दी। बीमा राशि क्लेम करने के लिए मृतक रामकेश की जेब में सुनील का वोटर आईडी कार्ड डाल दिया और उसे सुनील साबित करने की कोशिश की।
अनिल खत्री, पवन और याकूब ने ढाबे में काम करनेवाले रामकेश से दोस्ती की। 30 सितंबर को उसे नए कपड़े और जूते दिलाए। उसे बोलेरो में बैठाकर शराब पिलाई और योजनाबद्ध ढंग से उसकी हत्या भी कर दी गई। हत्या के बाद रामकेश की जेब में लापता सुनील खत्री का वोटर आईडी कार्ड डालकर पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की गई। प्रारंभिक तौर पर पुलिस ने सुनील का ही शव मानते हुए पंचनामा करने लगी। लेकिन हालात संदिग्ध लग रहे थे। पुलिस को शक हुआ तो अनिल और पवन को हिरासत में ले लिया। पूछताछ में अनिल ने पहले तो पुलिस को खूब छकाने की कोशिश की। जब सख्ती बरती गई तो पूरा सच उगल दिया। फैसले के वक्त बीमा क्लेम लेने के लिए निर्दोष की हत्या और साजिश रचने वाला अनिल खत्री मौजूद था।