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जस्टिस सूर्यकांत ने ली भारत के 53वें CJI की शपथ, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दिलाई पद व गोपनीयता की शपथ

15 महीनों के कार्यकाल के साथ जस्टिस सूर्यकांत ने संभाली देश की सर्वोच्च न्यायिक जिम्मेदारी, CJI भूषण आर. गवई के उत्तराधिकारी बने

 
नई दिल्ली। देश की सर्वोच्च अदालत को आज नया नेतृत्व मिल गया। जस्टिस सूर्यकांत ने सोमवार को भारत के 53वें मुख्य न्यायाधीश (CJI) के रूप में शपथ लेकर पद संभाल लिया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें राष्ट्रपति भवन में पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।
जस्टिस सूर्यकांत का कार्यकाल 15 महीनों का होगा। वे अब तक के CJI भूषण आर. गवई के स्थान पर यह जिम्मेदारी निभाएंगे।
संविधान के अनुच्छेद 124(2) के तहत नियुक्ति
CJI भूषण आर. गवई ने संविधान के अनुच्छेद 124(2) के तहत जस्टिस सूर्यकांत का नाम अगले मुख्य न्यायाधीश के रूप में अनुशंसित किया था। सीनियरिटी के आधार पर हुई इस अनुशंसा पर राष्ट्रपति ने मुहर लगा दी और उन्हें देश का 53वां CJI नियुक्त किया गया।
कानूनी क्षेत्र में लंबा अनुभव
जस्टिस सूर्यकांत अपने संतुलित फैसलों, प्रशासनिक दक्षता और न्यायिक प्रणाली में सुधारों पर स्पष्ट दृष्टिकोण के लिए प्रसिद्ध हैं। उन्होंने न्यायिक सेवा में कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया और कई ऐतिहासिक फैसलों का हिस्सा रहे।
आगामी चुनौतियाँ और अपेक्षाएँ
नए CJI के सामने न्यायालयों में लंबित मामलों को कम करने, तकनीक-आधारित तंत्र को मजबूत करने तथा न्यायिक पारदर्शिता को बढ़ाने जैसी कई चुनौतियाँ हैं। न्याय व्यवस्था में सुधार की दिशा में उनसे महत्वपूर्ण बदलावों की उम्मीद है।