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शेयर बाजार में भारी नुकसान से टूटा इंजीनियर का हौसला, देहरादून में धुएं से भरे कमरे में की आत्महत्या

देहरादून के अरिहंत विहार में दर्दनाक घटना, पुलिस को मिला सुसाइड नोट— लिखा था, “आर्थिक तंगी और संपत्ति विवाद ने तोड़ दिया हौसला”; शेयर बाजार में नुकसान के बाद बढ़ गई थी मानसिक परेशानी।

 

देहरादून। शेयर बाजार में भारी नुकसान झेल रहे एक केमिकल इंजीनियर ने बुधवार को आत्महत्या कर ली। पुलिस के मुताबिक, इंजीनियर लव कुमार ने कमरे में हीटर जलाकर उस पर कोयला रख दिया और धुआं भरकर खुद को अंदर बंद कर लिया। कुछ देर बाद दम घुटने से उसकी मौत हो गई।

मामला देहरादून के अरिहंत विहार कॉलोनी का है। पुलिस को मौके से एक सुसाइड नोट मिला है, जिसमें लव कुमार ने लिखा- “मैं आर्थिक तंगी और संपत्ति विवाद से परेशान हूं, अब जीने की ताकत नहीं बची।”

कनखल थाना पुलिस ने बताया कि मृतक **लव कुमार पेशे से केमिकल इंजीनियर** था और कुछ समय से शेयर बाजार में भारी नुकसान झेलने के बाद अवसाद में रहने लगा था।

शेयर बाजार में नुकसान के बाद बदला व्यवहार

पुलिस जांच में सामने आया है कि शेयर मार्केट में नुकसान के बाद लव कुमार ने शराब पीना शुरू कर दिया था। पारिवारिक कलह के चलते उसकी पत्नी बच्चों को लेकर मायके चली गई थी।
आत्महत्या से पहले लव कुमार ने पत्नी को व्हाट्सऐप पर संदेश भेजा, जिसमें लिखा था कि वह *कार्बन मोनोऑक्साइड से सुसाइड* करने जा रहा है। पत्नी ने कई बार कॉल किया, लेकिन जवाब नहीं मिला। परिजन जब घर पहुंचे तो दरवाजा बंद था और अंदर धुआं भरा हुआ था।
दरवाजा तोड़ने पर लव कुमार बेहोश मिला। उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।

पुलिस ने शुरू की जांच

कनखल थाना प्रभारी ने बताया कि मौके से मिले सुसाइड नोट और परिस्थितियों के आधार पर प्राथमिक जांच में मामला आत्महत्या का लग रहा है। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है।
पुलिस परिवार और रिश्तेदारों से पूछताछ कर रही है ताकि वास्तविक कारण स्पष्ट हो सके।

आर्थिक दबाव और मानसिक स्वास्थ्य पर सवाल

इस घटना ने एक बार फिर आर्थिक तनाव और मानसिक स्वास्थ्य के बीच के संबंध पर सवाल खड़ा कर दिया है। बीते कुछ वर्षों में निवेश के बढ़ते चलन के साथ ही शेयर बाजार में नुकसान के बाद आत्महत्याओं के मामले भी बढ़े हैं।

विशेषज्ञों का कहना है कि निवेश से पहले वित्तीय योजना और मानसिक संतुलन बेहद जरूरी है, ताकि नुकसान की स्थिति में भी व्यक्ति हताश न हो।