CZC बैठक: चार मुख्यमंत्रियों से बोले अमित शाह, कुपोषण और ड्रॉप-आउट को जड़ से मिटाएं
महिला एवं बच्चों के खिलाफ अपराधों, प्रत्येक गांव में बैंकिंग सुविधा , आपातकालीन रिस्पॉन्स सिस्टम (ERSS-112), ग्राम पंचायतों की आय में वृद्धि और बच्चों में कुपोषण और स्कूल ड्रॉप-आउट को समाप्त करने के उपाय पर हुआ मंथन
गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में पहली बार वाराणसी में हुई बैठक
वाराणसी (भदैनी मिरर)। केद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को वाराणसी में मध्य क्षेत्रीय परिषद (Central Zonal Council) की 25वीं बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री और वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।
बैठक की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नेतृत्व क्षमता और भारतीय सशस्त्र बलों के पराक्रम की प्रशंसा प्रस्ताव के साथ हुई, जिसे ध्वनिमत से पारित किया गया। गृह मंत्री ने कहा कि वर्ष 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने में मध्य भारत के राज्यों की निर्णायक भूमिका होगी।
बैठक की मुख्य उपलब्धियां:
- 2004–14 की तुलना में 2014–25 के बीच 83% अधिक मुद्दों का समाधान क्षेत्रीय परिषदों के माध्यम से हुआ है।
- 1287 मुद्दों का समाधान, 28 क्षेत्रीय परिषद बैठकें और 33 स्थायी समिति की बैठकें इस अवधि में हुईं।
- परिषद ने कुपोषण, शैक्षणिक ड्रॉप-आउट, सहकारिता को सशक्त बनाने और ग्राम पंचायतों की आय बढ़ाने पर विशेष ज़ोर दिया।
इन मुद्दों पर हुई है चर्चा
- महिला एवं बच्चों के खिलाफ अपराधों की शीघ्र जांच और फास्ट ट्रैक कोर्ट का क्रियान्वयन
- प्रत्येक गांव में बैंकिंग सुविधा उपलब्ध कराने का लक्ष्य
- आपातकालीन रिस्पॉन्स सिस्टम (ERSS-112) के प्रभावी संचालन
- ग्राम पंचायतों की आय में वृद्धि हेतु नीति निर्माण
- बच्चों में कुपोषण और स्कूल ड्रॉप-आउट को समाप्त करने के उपाय
मुख्यमंत्रियों की भागीदारी:
- योगी आदित्यनाथ – मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश
- पुष्कर सिंह धामी – मुख्यमंत्री, उत्तराखंड
- मोहन यादव – मुख्यमंत्री, मध्य प्रदेश
- विष्णु देव साय – मुख्यमंत्री, छत्तीसगढ़
परिषद की भूमिका और उद्देश्य:
गृह मंत्री ने कहा कि मध्य क्षेत्रीय परिषद वह एकमात्र परिषद है, जहां राज्यों के बीच कोई आपसी विवाद नहीं है, जो राज्यों के बीच मजबूत सहयोग का उदाहरण है। उन्होंने क्षेत्रीय परिषदों की परामर्शदात्री भूमिका को रणनीतिक सहयोग के एक प्रभावशाली मंच के रूप में रेखांकित किया।
गृह मंत्री अमित शाह ने प्रधानमंत्री मोदी के दृष्टिकोण को दोहराते हुए कहा— "मजबूत राज्य ही मजबूत राष्ट्र बनाते हैं, और परिषदें सहकारी संघवाद का असली प्रतिबिंब हैं।