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Bay of Bengal Cyclone Alert: 24–25 नवंबर को इन राज्यों में भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी, IMD का बड़ा अपडेट

बंगाल की खाड़ी में नया लो-प्रेशर सिस्टम तेजी से मजबूत हो रहा है। IMD ने साइक्लोन बनने की उच्च संभावना जताते हुए स्पेशल मैसेज जारी किया। अंडमान-निकोबार, बंगाल और बांग्लादेश पर पड़ सकता है असर।

 

नई दिल्ली। बंगाल की खाड़ी में एक बार फिर चक्रवात का खतरा मंडराने लगा है। मलक्का स्ट्रेट और साउथ अंडमान सागर के ऊपर बन रहा लो-प्रेशर एरिया तेज गति से विकसित हो रहा है। इंडिया मेटियोरोलॉजिकल डिपार्टमेंट (IMD) ने साइक्लोन बनने की उच्च संभावना के चलते अपना पहला स्पेशल मैसेज जारी कर दिया है-यह कदम तभी उठाया जाता है जब साइक्लोजेनेसिस (साइक्लोन बनने) की संभावना मजबूत हो।

24 नवंबर तक डिप्रेशन बनने का अनुमान

IMD के अनुसार, 24 नवंबर तक यह सिस्टम डिप्रेशन में बदल सकता है और अगले 48 घंटों में यह और अधिक मजबूत होकर साउथ-वेस्ट बंगाल की खाड़ी की ओर बढ़ेगा। शुरुआती अनुमान के मुताबिक सिस्टम पश्चिम-उत्तर-पश्चिम दिशा में आगे बढ़ेगा।

 DG मृत्युंजय महापात्रा का बयान

IMD के डायरेक्टर जनरल मृत्युंजय महापात्रा ने बताया कि SOP (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर) के अनुसार लो-प्रेशर बनने के साथ ही स्पेशल मैसेज जारी किया जाता है।
उन्होंने कहा- “जैसे ही सिस्टम डिप्रेशन में बदलेगा, हर छह घंटे में मौसम बुलेटिन जारी किया जाएगा।”

महापात्रा ने यह भी संकेत दिया कि यह साइक्लोन तमिलनाडु या आंध्र प्रदेश से नहीं टकराएगा। उनके अनुसार, सिस्टम के घूमकर पश्चिम बंगाल या बांग्लादेश की ओर बढ़ने की अधिक संभावना है, हालांकि इसकी अंतिम दिशा का पता अगले 24–48 घंटे में चलेगा।

अंडमान में भारी बारिश का अलर्ट

IMD ने 22 से 27 नवंबर के बीच अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में कहीं-कहीं बहुत भारी बारिश, 40–50 kmph की रफ्तार से तेज हवाएँ, तथा सिस्टम के मजबूत होने पर हवा की गति और बढ़ने की चेतावनी दी है।

किन राज्यों को सतर्क रहना होगा?

इस संभावित साइक्लोन के प्रभाव से निम्न क्षेत्रों में भारी बारिश और हवाओं का अलर्ट जारी किया गया है—

  • अंडमान और निकोबार
  • पश्चिम बंगाल
  • ओडिशा (उत्तरी क्षेत्र)
  • बांग्लादेश के तटीय इलाके

क्यों जारी हुआ IMD का Special Message?

जब भी किसी लो-प्रेशर सिस्टम के साइक्लोन में बदलने की संभावना 60% से अधिक होती है, IMD "स्पेशल मैसेज" जारी करता है। यह मैसेज आमतौर पर मछुआरों, तटीय इलाकों के निवासियों और प्रशासन के लिए विशेष चेतावनी का काम करता है।