क्रैश हुआ क्रिप्टो मार्केट: जून के बाद पहली बार 1 लाख डॉलर के नीचे फिसला बिटकॉइन, निवेशकों में मचा हड़कंप
क्रिप्टो मार्केट में आई भारी गिरावट से निवेशकों की चिंता बढ़ी। बिटकॉइन और एथर दोनों में जबरदस्त गिरावट, बाजार रिकवरी के संकेत अब तक कमजोर।
भदैनी मिरर डेस्क। क्रिप्टोकरेंसी बाजार में मंगलवार को बड़ी गिरावट देखने को मिली। दुनिया की सबसे बड़ी डिजिटल करेंसी बिटकॉइन (Bitcoin) 7.4% गिरकर 96,794 डॉलर पर पहुंच गया। यह जून के बाद पहली बार है जब बिटकॉइन 1 लाख डॉलर के नीचे फिसला है।
वहीं, दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी एथर (Ethereum) में भी 15% तक की गिरावट दर्ज की गई। कुछ अन्य ऑल्टकॉइन्स इस साल अब तक अपनी आधी से ज्यादा वैल्यू गंवा चुके हैं।
क्यों आई गिरावट?
रिपोर्ट्स के मुताबिक, अक्टूबर महीने में भारी मात्रा में लॉन्ग पोजीशन लिक्विडेशन के कारण क्रिप्टो बाजार में गिरावट की शुरुआत हुई थी। उस दौरान अरबों डॉलर की बुलिश पोजीशन खत्म हो गई, जिसके बाद निवेशक सतर्क हो गए।
विशेषज्ञों का कहना है कि बिटकॉइन फ्यूचर्स में ओपन इंटरेस्ट अभी भी पुराने स्तरों से नीचे है। भले ही फंडिंग कॉस्ट सामान्य हो गई हो, लेकिन निवेशक दोबारा जोखिम लेने से बच रहे हैं। बिटकॉइन की इस साल अब तक की बढ़त अब 10% से भी कम रह गई है।
बाजार अब भी रिकवर नहीं हो पाया
एरगोनीया के रिसर्च हेड क्रिस न्यूहाउस के अनुसार, यह गिरावट बताती है कि बाजार अभी भी अक्टूबर की भारी बिकवाली से उबर नहीं पाया है। निवेशकों की रणनीति और जोखिम लेने की प्रवृत्ति बदल चुकी है।
क्रिप्टो डेटा प्लेटफॉर्म Coinglass के अनुसार, मंगलवार को कुल लिक्विडेशन करीब 1 बिलियन डॉलर का हुआ - जो 10 अक्टूबर के 19 बिलियन डॉलर के रिकॉर्ड से काफी कम है। यह दिखाता है कि बाजार में अब भी ‘लो-कन्विक्शन सेलऑफ’ यानी कमजोर विश्वास वाली बिकवाली जारी है।
बाजार में डर का माहौल
ऑप्शंस मार्केट में निवेशक अब गिरावट से बचने के लिए हेज पोजीशन बना रहे हैं। नवंबर के अंत में एक्सपायर होने वाले 80,000 डॉलर स्ट्राइक प्राइस वाले पुट कॉन्ट्रैक्ट्स की मांग सबसे अधिक है। यह दर्शाता है कि निवेशक बिटकॉइन के और नीचे जाने की संभावना से डर रहे हैं।
क्रिप्टो विशेषज्ञों का कहना है कि जब तक बाजार में भरोसा और ट्रेडिंग वॉल्यूम नहीं बढ़ता, तब तक क्रिप्टो मार्केट की रिकवरी मुश्किल बनी रहेगी।