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रक्षाबंधन से पहले केंद्र सरकार का बड़ा तोहफा: उज्ज्वला योजना के तहत ₹300 सस्ता LPG सिलेंडर, ₹12,060 करोड़ की मंजूरी

कैबिनेट ने 2025-26 तक 10 करोड़ से अधिक उज्ज्वला लाभार्थियों को सस्ती एलपीजी सब्सिडी देने का फैसला लिया, तेल कंपनियों को भी ₹30,000 करोड़ का मुआवजा

 

नई दिल्ली। रक्षाबंधन से ठीक पहले केंद्र सरकार ने देश की करोड़ों महिलाओं को राहत दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट बैठक में प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY) के तहत ₹12,060 करोड़ के खर्च पर ₹300 सब्सिडी वाले LPG सिलेंडर देने की मंजूरी दी गई। यह सब्सिडी अगले वित्तीय वर्ष 2025-26 तक दी जाएगी और इससे लगभग 10.33 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को फायदा होगा।


योजना की प्रमुख बातें:

  • उज्ज्वला योजना की शुरुआत मई 2016 में गरीब परिवारों की वयस्क महिलाओं को मुफ्त एलपीजी कनेक्शन देने के उद्देश्य से की गई थी।
  • सरकार ने 14.2 किलोग्राम सिलेंडर के लिए प्रति रिफिल ₹300 की सब्सिडी को मंजूरी दी है।
  • प्रत्येक लाभार्थी को साल में अधिकतम 9 सिलेंडर तक यह सब्सिडी मिलेगी।
  • 5 किलोग्राम के सिलेंडर पर लाभ अनुपातिक रूप से मिलेगा।
  • इस पर सरकार कुल ₹12,000 करोड़ से अधिक का खर्च करेगी।


 उज्ज्वला योजना कैसे काम करती है?

देश की राजधानी दिल्ली में एक आम ग्राहक को 14.2 किलो के रसोई गैस सिलेंडर के लिए ₹853 चुकाने पड़ते हैं, जबकि उज्ज्वला लाभार्थी को वही सिलेंडर ₹553 में मिलेगा। यह सब्सिडी सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में ट्रांसफर होती है।


कैबिनेट के बाद केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा

"प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना समावेशी विकास का प्रतीक बन चुकी है। इसका उद्देश्य सिर्फ रसोई गैस देना नहीं बल्कि परिवारों के जीवन में बदलाव लाना है।"


सरकार ने IOC, BPCL और HPCL जैसी तीनों सरकारी तेल विपणन कंपनियों को ₹30,000 करोड़ का मुआवजा देने की भी मंजूरी दी है। यह मुआवजा इन कंपनियों को एलपीजी पर हुए नुकसान की भरपाई के लिए दिया जाएगा, ताकि वे उपभोक्ताओं को सस्ती दर पर गैस की सप्लाई जारी रख सकें। सरकार का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में LPG की कीमतों में उतार-चढ़ाव का बोझ आम ग्राहकों पर न पड़े, इसलिए यह वित्तीय सहायता जरूरी है।