अनिल अंबानी पर ED की बड़ी कार्रवाई: 1,400 करोड़ की नई संपत्ति कुर्क, कुल अटैचमेंट 9,000 करोड़ के पार
धन शोधन मामले में ईडी की अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई-दिल्ली, मुंबई, नोएडा, हैदराबाद समेत कई शहरों की संपत्तियाँ अटैच; सुप्रीम कोर्ट ने RCom बैंक फ्रॉड पर नोटिस जारी किया।
नई दिल्ली। रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन अनिल अंबानी की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने धन शोधन की जांच के तहत 1,400 करोड़ रुपये से अधिक की नई संपत्तियाँ कुर्क कर दी हैं। इस कार्रवाई के बाद मामले में अब तक कुर्क की गई संपत्तियों का मूल्य लगभग 9,000 करोड़ रुपये हो चुका है।
अधिकारिक सूत्रों के अनुसार, ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत यह अनंतिम कुर्की आदेश जारी किया है। हालाँकि इस पर रिलायंस ग्रुप ने अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
देशभर में फैली संपत्तियों पर ईडी की कुर्की
सूत्रों ने बताया कि नवीनतम आदेश में देश के विभिन्न राज्यों में मौजूद अचल संपत्तियाँ शामिल हैं। इससे पहले भी केंद्रीय एजेंसी ने इसी मामले में 7,500 करोड़ रुपये की संपत्तियाँ अटैच की थीं।
इस महीने की शुरुआत में ईडी ने अनिल अंबानी से जुड़ी लगभग ₹3,084 करोड़ की संपत्तियाँ अस्थायी रूप से अटैच की थीं। इनमें-
- मुंबई स्थित आवास
- दिल्ली का रिलायंस सेंटर
- दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, ठाणे, पुणे, हैदराबाद, चेन्नई, कांचीपुरम और ईस्ट गोदावरी में मौजूद अन्य भूमि और संपत्तियाँ शामिल हैं।
ये अटैचमेंट PMLA की धारा 5(1) के तहत 31 अक्टूबर को जारी आदेश के आधार पर की गई थी।
घरों, ऑफिसों और जमीन के बड़े हिस्से पर कार्रवाई
एजेंसी द्वारा कुर्क की गई संपत्तियों में—
- ऑफिस परिसरों,
- रिहायशी यूनिट्स,
- कमर्शियल बिल्डिंग्स,
- और जमीन के कई प्लॉट शामिल हैं।
ईडी का कहना है कि यह कार्रवाई उन कंपनियों और ट्रांजैक्शंस की जांच का हिस्सा है, जिनके जरिए कथित तौर पर बड़ी रकम को इधर-उधर किया गया था।
सुप्रीम कोर्ट ने भी लिया संज्ञान
मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने अनिल अंबानी द्वारा प्रमोट की गई रिलायंस कम्युनिकेशंस लिमिटेड (RCom) तथा अन्य कंपनियों से जुड़े कथित बैंक धोखाधड़ी के मामले में कोर्ट-निगरानी वाली जांच की मांग पर नोटिस जारी किया है।
याचिका में आरोप है कि बड़ी रकम बैंकों से लोन के रूप में ली गई और बाद में डिफॉल्ट कर दिया गया, जिससे सार्वजनिक धन का नुकसान हुआ।
आर्थिक अपराधों पर कड़ी निगरानी
ईडी का यह कदम आर्थिक अपराधों के खिलाफ केंद्र सरकार की सख्त नीति को दर्शाता है। अनिल अंबानी से जुड़े मामलों में हाल की लगातार कार्रवाई से यह स्पष्ट है कि एजेंसी बड़े कॉर्पोरेट वित्तीय अनियमितताओं की गहन जांच कर रही है।