अलीगढ़ का चर्चित अभिषेक हत्याकांड : शातिर दिमाग पूर्व महामंडलेश्वर अन्नपूर्णा भारती उर्फ पूजा शकुन पांडेय गिरफ्तार
घंटों पूछताछ के बाद भी नही उगले राज, कहा-जो मन में था कर दिया
पिता ने कहा-पूजा के खिलाफ हो एनएसए की कार्रवाई, हो फांसी की सजा
लखनऊ, भदैनी मिरर। यूपी के अलीगढ़ में हुए चर्चित और सनसनीखेज वारदात अभिषेक हत्याकांड में गिरफ्तार पूर्व महामंडलेश्वर अन्नपूर्णा भारती उर्फ पूजा शकुन पांडेय घंटों पूछताछ के दौरान पुलिस को तरह-तरह से बरगलाने का प्रयास करती रही। वह पहले से रटी-रटाई और समझाई गई बाते ही बोलती रही। उसने अपना जुर्म स्वीकार नही किया और कठिन सवाल का जवाब यह कहकर देती रही कि वकील के जरिए कोर्ट में जवाब दूंगी। इसके बाद थाना रोरावर से पुलिस उसे जिला अस्पताल ले गई और मेडिकल कराने के बाद न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया। हालांकि पुलिस ने कुछ देर के लिए अभिषेक के परिजनों से पूजा का सामना कराया और उसकी मनोदशा देखने का प्रयास किया।
अभिषेक बाइक शोरूम संचालक का बेटा था। मृतक अभिषेक के पिता नीरज गुप्ता ने बताया कि पूजा ने पहले कहा कि मुझे दुख है। फिर बोली कि जो मेरे मन में था, मैंने कर दिया। पिता का कहना है कि पूजा पर एनएसए लगाकर उसके घर पर बुलडोजर चले। उसे उम्रकैद की सजा मिलनी चाहिए। इस मामले में अभिषेक के छोटे भाई आशीष ने पूजा, अशोक व दो अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। आरोप है कि हत्या में दोनों ने षड्यंत्र रचा था। अभिषेक पहले पूजा के साथ रहा था और उस दौरान दोनों में कई बार विवाद हो चुका था। आरोपितों ने अभिषेक को हत्या की धमकी भी दी थी।
अभिषेक पर शादी के लिए दबाव बना रही थी पूजा
अभिषेक के पिता नीरज गुप्ता आढ़ती हैं। बताया कि उन्होंने बेटे को पढ़ने के लिए पूजा के पास छोड़ा था। धीरे-धीरे उसने मेरे बेटे को अपने प्रेम जाल में फंसा लिया। पिछले साल छोटे बेटे की शादी के दौरान पूजा ने अभिषेक से कहा था कि अब छोटे भाई की शादी हो गई है और अब तू मुझसे शादी कर ले। पूजा मुझे धमकी देती थी कि तुम्हारा बेटा मुझसे दूर हो रहा है। यह ठीक नही है। मेरे पास दस्तावेज, वीडियो आदि हैं वह सबको दिखाऊंगी। आपको बता दें कि पूजा की गिरफ्तारी न होने पर परिवार ने एसएसपी कार्यालय पर आत्मदाह की धमकी दी थी। लेकिन पुलिस ने पूजा को गिरफ्तार कर लिया। उसकी गिरफ्तारी की सूचना मिलते ही अभिषेक के परिवार के लोग रोरावर थाने पहुंचे। उन्होंने पूजा से बात करने का प्रयास किया, लेकिन वह कुछ नही बोली। जबकि महिला थाने में पूछताछ के दौरान उसने कहा था कि मेरे मन में था जो था वह कर दिया। अभिषेक के पिता नीरज गुप्ता ने कहा कि इस घटना के बाद से उन्हें जान का खतरा है। पूजा जेल से जमानत पर बाहर आएगी तो परिवार में किसी और की भी हत्या करा सकती है। इसलिए पुलिस उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई करे।
हत्या और आरोप से बचने के पूरा प्लान तैयार करने के बाद हुई हत्या
अबतक के पूरे घटनाक्रम से ऐसा लगता है कि अभिषेक की हत्या पूरी योजना बनाकर की गई थी। यही वजह है कि पूजा को पुलिस जब जेल ले गई तो बाहर मीडिया से बात करते हुए कई बार दोहराया कि सब फिक्स है...। आपको यह भी बता दें कि पूजा के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया गया था। उसकी गिरफ्तारी पर एसएसपी ने 25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया और डीआईजी स्तर से 50 हजार का इनाम रखा गया। जब उसे लगा कि अब उसका जेल जाना तय है तो उसने अग्रिम जमानत की अर्जी डाली। फिर अधिवक्ता के माध्यम से वापस ले लिया। पुलिस रिकार्ड के मुताबिक अलीगढ़ के गांधीपार्क, रोरवार और क्वार्सी थानों में वर्ष 2020 से अबतक एक दर्जन से अधिक मुकदमे दर्ज हैं। अपराध जगत से उसका पुराना नाता है।
जमानत के प्रयास में हाईकोर्ट तक पहुंची थी शातिर पूजा
अलीगढ़ के बाइक शोरूम संचालक अभिषेक गुप्ता हत्याकांड में गिरफ्तार पूर्व महामंडलेश्वर अन्नपूर्णा भारती उर्फ पूजा शकुन पांडेय को हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत अर्जी मंजूर होने की आस थी। इसी आस में वह 15 दिनों तक 2300 किमी तक भागी। उसने अलीगढ़ में दायर अग्रिम जमानत अर्जी वापस लेकर अगले दिन हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत अर्जी दायर कराई। इसके बाद खुद वह अधिवक्ताओं के साथ हाईकोर्ट गई थी। उसने तय किया था कि अग्रिम जमानत अर्जी पर हाईकोर्ट के निर्णय के बाद ही आत्मसमर्पण करने पर विचार करेगी। खेरेश्वर चौराहे पर अभिषेक की हत्या के बाद उसी रात पुलिस ने नामजद पूजा के पति अशोक पांडेय को गिरफ्तार कर लिया था और उसे 28 सितंबर को जेल भेजा था। फिर एक अक्टूबर को शूटर फजल व तीन अक्तूबर को शूटर आसिफ को जेल भेजा था। इन दोनों को पूजा व पति अशोक ने सुपारी दी थी। बाद पुलिस ने पूजा शकुन का पीछा शुरू किया। तब यह पता चला कि पूजा घटनावाली रात ही यहां से भाड़े की कार से बुर्का पहनकर गाजियाबाद में यति नरसिंहानंद के डासना आश्रम पहुंची थी। जब पुलिस वहां पहुंची तो पता चला कि 27 सितंबर को तड़के ही उसे यहां से हरिद्वार भेज दिया गया। पुलिस हरिद्वार पहुंची तो पता चला कि 28 की शाम को उसे यहां से निकाल दिया गया। तभी पुलिस को सात अक्तूबर को यह खबर मिली कि पूजा शकुन के अधिवक्ता ने सत्र न्यायालय में दायर की अग्रिम जमानत अर्जी नॉट प्रेस यानी बेल दिए जाने से इन्कार के बाद वापस ले ली है। इस पर पुलिस का ध्यान गया, तब पुलिस ने करीबियों के नंबरों के जरिये जांच शुरू की। पता चला कि पूजा हरिद्वार से चलकर पूजा 29 सितंबर को मुरादाबाद पहुंची थी। वहां छह दिन रुकने के बाद सात अक्तूबर की शाम को प्रयागराज गई। अलीगढ़ कोर्ट से अग्रिम जमानत अर्जी वापस ली। फिर मुरादाबाद आई। यहां से नौ अक्तूबर को जयपुर रवाना हो गई। मगर जयपुर में रुकने के बजाय उसने वापस आने का मन बना लिया। तभी पुलिस टीम 10 अक्तूबर की दोपहर जयपुर रवाना हो गई। इसके बाद देर शाम पुलिस पकड़ ली गई। जांच में यह भी पता चला कि शातिर दिमाग पूजा ने कभी अपना मोबाइल नम्बर इस्तेमाल नही किया। उसने कभी कार चालक, कभी ऑटो चालक तो कभी होटल स्टाफ या किसी सरेराह चलते व्यक्ति का मोबाइल प्रयोग किया। कोई भी व्यक्ति महिला द्वारा परेशानी बताने पर मोबाइल प्रयोग करने दे देता था।
पूजा को गिरफ्तार करनेवाली पुलिस टीम
इस शातिर युवती की गिरफ्तारी के लिए एएसपी मयंक पाठक के नेतृत्व में चार टीमें गठित की गई थीं। टीम ने 200 से अधिक सीसीटीवी कैमरे खंगाले। टीम में इंस्पेक्टर रोरावर विजय सिंह, एसआई भानूप्रताप, कांस्टेबल मो. आस, लक्की व पूनम कुमारी के अलावा सर्विलांस प्रभारी विपिन कुमार, स्वाट टीम प्रभारी संदीप कुमार, हेड कांस्टेबल नटवर सिंह, बनी सिंह, राजवीर सिंह, अजीत कुमार, सचिन कुमार, प्रेमपाल सिंह, अजय कुमार, मनोज कुमार, आकाश शर्मा, सुगंध प्रताप, प्रिशुभ मोताला, अंकुश डबास, विजयकांत, योगेश कुमार व भंवर सिंह शामिल रहे।