Air India Plane Crash: सुप्रीम कोर्ट ने कहा- पायलट की गलती नहीं, पिता से बोले “अपने ऊपर बोझ मत रखिए”
एयर इंडिया ड्रीमलाइनर क्रैश मामले में सुप्रीम कोर्ट का भावुक पल, कहा— हादसे में पायलट दोषी नहीं; केंद्र सरकार और DGCA से मांगा जवाब
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने एयर इंडिया विमान दुर्घटना की जांच पर सुनवाई करते हुए एक भावुक टिप्पणी की। अदालत ने कहा कि हादसे के लिए पायलट को दोष नहीं दिया जा सकता और पायलट के 91 वर्षीय पिता से कहा— “आप अपने ऊपर बोझ मत रखिए, यह एक दुर्घटना थी।”
अहमदाबाद में इस साल 12 जून को हुए एयर इंडिया बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान क्रैश की स्वतंत्र जांच की मांग करते हुए पायलट कैप्टन सुमीत सभरवाल के पिता पुष्कराज सभरवाल ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।
जस्टिस सूर्यकांत और जॉयमाल्या बागची की बेंच ने इस मामले में केंद्र सरकार और DGCA (डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन) से जवाब दाखिल करने को कहा है। अदालत ने कहा कि प्रारंभिक रिपोर्ट में कहीं भी यह उल्लेख नहीं है कि हादसे के लिए पायलट जिम्मेदार था।
सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा- “यह एक दुखद दुर्घटना थी, लेकिन पायलट को दोषी नहीं ठहराया गया है। रिपोर्ट में उनके खिलाफ कोई आरोप नहीं हैं।”
पायलट के पिता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल शंकरनारायणन ने दलील दी कि अमेरिकी अखबार वॉल स्ट्रीट जर्नल ने रिपोर्ट में कैप्टन सुमीत सभरवाल को लेकर गलत जानकारी प्रकाशित की थी। इस पर पीठ ने कहा कि वह रिपोर्टिंग केवल “भारत को दोषी ठहराने के लिए की गई थी।”
यह हादसा 12 जून को उस समय हुआ जब एयर इंडिया का बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान अहमदाबाद एयरपोर्ट से उड़ान भरने के कुछ ही मिनट बाद मेघाणी नगर इलाके में एक मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल पर गिर गया। हादसे में विमान में सवार 242 यात्रियों में से एक को छोड़कर सभी की मौत हो गई थी। साथ ही 19 स्थानीय लोग भी मारे गए थे।
सुप्रीम कोर्ट ने एयरक्राफ्ट एक्सिडेंट इन्वेस्टिगेशन बोर्ड की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि उसमें केवल विमान के दो पायलटों के बीच की बातचीत का जिक्र है, लेकिन कहीं भी यह नहीं कहा गया है कि पायलट जिम्मेदार था।
मामले की अगली सुनवाई 10 नवंबर को होगी। अदालत ने कहा कि हादसे की निष्पक्ष जांच सुनिश्चित की जाएगी।