8वें वेतन आयोग में शामिल हो सकते हैं ग्रामीण डाक सेवक! जानें पूरी खबर
सांसद अंबिका जी लक्ष्मीनारायण वाल्मीकि ने 2.75 लाख ग्रामीण डाक सेवकों (GDS) को 8वें वेतन आयोग के दायरे में लाने की मांग की है। इससे ग्रामीण इलाकों में कार्यरत डाक कर्मचारियों के वेतन और भत्तों में बड़ा बदलाव संभव है।
नई दिल्ली। 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) की चर्चा के बीच अब ग्रामीण डाक सेवकों (Gramin Dak Sevaks - GDS) के लिए भी राहत की उम्मीदें बढ़ गई हैं। सांसद अंबिका जी लक्ष्मीनारायण वाल्मीकि ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर 2.75 लाख ग्रामीण डाक सेवकों को 8वें वेतन आयोग के दायरे में शामिल करने की मांग की है।
सांसद ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में डाक सेवक जिस मेहनत और समर्पण के साथ काम कर रहे हैं, उन्हें भी नियमित केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के समान सुविधाएं और वेतन लाभ मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि GDS डाक विभाग की रीढ़ हैं, जो गांव-गांव तक सरकार की योजनाएं और सेवाएं पहुंचाते हैं।
GDS को समान वेतन लाभ का हक
सांसद वाल्मीकि ने अपने पत्र में लिखा, "लगभग 2.75 लाख ग्रामीण डाक सेवक ग्रामीण इलाकों में आवश्यक सेवाएं प्रदान कर रहे हैं, लेकिन उन्हें 7वें या 8वें वेतन आयोग की सिफारिशों का लाभ नहीं मिलता।"
उन्होंने कहा कि बार-बार विभागीय समितियां गठित की जाती हैं, पर ग्रामीण डाक सेवकों को अब तक **केंद्रीय कर्मचारी का दर्जा** नहीं मिला। इस कारण वे कई वेतन भत्तों से वंचित रह जाते हैं।
7वें वेतन आयोग की सिफारिशें
7वें वेतन आयोग ने अपनी रिपोर्ट में स्पष्ट किया था कि GDS को केंद्रीय सरकारी कर्मचारी के रूप में मान्यता नहीं दी गई है। आयोग ने कहा था कि इनके वेतन और भत्तों को ‘सैलरी’ शीर्षक से अलग रखा जाए।
हालांकि, डाक विभाग के खर्चों में नियमित और ग्रामीण डाक सेवकों के वेतन एक ही श्रेणी में रखे गए हैं, जिससे असमानता की स्थिति बनी रहती है।
क्या GDS को मिलेगा 8वें वेतन आयोग का लाभ?
अब सवाल यह है कि क्या केंद्र सरकार ग्रामीण डाक सेवकों को 8वें वेतन आयोग के दायरे में शामिल करेगी। सांसद की इस मांग से ग्रामीण डाक सेवकों की पुरानी अपेक्षा फिर से चर्चा में आ गई है।
अगर केंद्र सरकार यह फैसला लेती है, तो लाखों GDS कर्मचारियों को नियमित कर्मचारियों के समान वेतन संशोधन, भत्ते और सेवा लाभ प्राप्त हो सकते हैं। इससे न केवल उनका मनोबल बढ़ेगा बल्कि डाक विभाग की कार्यक्षमता में भी सुधार होगा।