सोशल मीडिया बैन पर मचा बवाल : संसद में घुसे प्रदर्शनकारियों से पुलिस की हिंसक झड़प, फायरिंग में कई घायल
भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया पर प्रतिबंध के खिलाफ नेपाल की राजधानी काठमांडू में युवाओं का बड़ा विरोध, हालात काबू करने सेना को उतारा गया।
काठमांडू। नेपाल में सरकार द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर प्रतिबंध लगाने के फैसले के बाद राजधानी काठमांडू में सोमवार को बड़ा विरोध प्रदर्शन हुआ। ‘हामी नेपाल’ संगठन के बैनर तले हजारों युवा सुबह से ही मैतीघर इलाके में जुटने लगे और सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे।
प्रदर्शन इतना उग्र हो गया कि पुलिस को हालात काबू करने के लिए लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले दागने पड़े। बताया जा रहा है कि स्थिति बिगड़ने पर पुलिस ने हवाई फायरिंग भी की, जिसमें कई लोग घायल हो गए। घायलों को एवरेस्ट अस्पताल, सिविल अस्पताल और अन्य नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।
संसद भवन तक पहुंचे प्रदर्शनकारी
प्रत्यक्षदर्शियों का दावा है कि गुस्साई भीड़ बैरिकेड तोड़कर संसद भवन तक घुस गई। इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था चरमरा गई और हालात को संभालने के लिए सेना को तैनात करना पड़ा।
सोशल मीडिया कंपनियों पर क्यों लगा बैन?
नेपाल सरकार ने हाल ही में सभी सोशल मीडिया कंपनियों को देश में पंजीकरण कराने के लिए 28 अगस्त से 7 दिन का समय दिया था। फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब, व्हाट्सएप, एक्स (ट्विटर), रेडिट और लिंक्डइन जैसी कंपनियों ने निर्धारित समय सीमा में पंजीकरण नहीं कराया। इसके बाद सरकार ने गुरुवार से इन प्लेटफॉर्म्स पर प्रतिबंध लगा दिया।
सरकार का कहना है कि फर्जी आईडी और अनरजिस्टर्ड अकाउंट्स के जरिए नफरत फैलाने, अफवाहें फैलाने और साइबर अपराधों में तेजी आई थी। ऐसे में सामाजिक सद्भाव बनाए रखने के लिए यह कदम उठाया गया।
युवाओं का आरोप—भ्रष्टाचार और आवाज दबाने की साजिश
‘हामी नेपाल’ संगठन के अध्यक्ष सुधन गुरुंग ने कहा कि यह प्रदर्शन सिर्फ सोशल मीडिया बैन नहीं बल्कि सरकारी भ्रष्टाचार और जनता की आवाज दबाने के खिलाफ है। उन्होंने छात्रों से भी अपनी यूनिफॉर्म और किताबें लेकर विरोध में शामिल होने की अपील की।
देशभर में प्रदर्शन की गूंज
काठमांडू के अलावा नेपाल के अन्य शहरों में भी इसी तरह के विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। हालात को देखते हुए सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट पर रखा गया है।