पाक के ‘महान नेताओं‘ से मिले ट्रंप, बांधे गये तारीफों के पुल
जिस देश के नेताओं को 6 साल से अमेरिकी राष्ट्रपति के ऑफिस में एंट्री तक नहीं मिली, उनसे अचानक प्रेम का मकसद क्या है
तलाशे जा रहे निहितार्थ, यह रिश्ता क्या कहलाता है
नई दिल्ली। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और सेना प्रमुख असीम मुनीर ने वॉइट हाउस में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से गुरूवार को मुलाकात की। इस मुलाकात के ठीक पहले ट्रंप ने दोनों को महान नेता बता दिया। ट्रंप जिस तरह से पाकिस्तान के पीएम और फील्ड मार्शल आसिम मुनीर की तारीफों के पुल बांध रहे हैं, वह भी काफी अजीब लग रहा है। बड़ा सवाल है कि पिछले 6 साल से इस देश के नेताओं को अमेरिकी राष्ट्रपति के ऑफिस में एंट्री तक नहीं मिली थी। अब ट्रंप जिस तरह से पाक पीएम और आसिम मुनीर के तारीफों के पुल बांध रहे हैं, दुनिया के राजनीतिक विशेषज्ञ उसके निहितार्थ तलाश रहे हैं। जिस देश के नेताओं को अमेरिकी राष्ट्रपति के ऑफिस में एंट्री तक नहीं मिली थी, उनकी मुलाकात और तारीफों के पुल कुछ अलग ही संदेश दे रहे हैं। हालांकि ट्रंप की अबतक की राजनीति से यह तो साफ है कि बिना मतलब के वह कुछ नही करनेवाले हैं।
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ओवल ऑफिस में पाक प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और सेना प्रमुख फील्ड मार्शल असीम मुनीर से मुलाकात की। स्थानीय समयानुसार शरीफ शाम 5 बजे से पहले वेस्ट एग्जीक्यूटिव एवेन्यू के एंट्री गेट पर पहुंचे तो सीनियर अधिकारियों ने उनका स्वागत किया। शहबाज शरीफ की किसी अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ ओवल ऑफिस में पहली मुलाकात थी और यह पाकिस्तान के लिए भी ऐतिहासिक है। वह इसलिए कि जुलाई 2019 में इमरान खान के दौरे के बाद से किसी भी प्रधानमंत्री की ओवल ऑफिस में एंट्री नहीं मिली थी। हालांकि दोनों पक्षों में बातचीत का कोई विस्तृत ब्योरा सामने नहीं आया है। जानकार उम्मीद जता रहे हैं कि व्यापार, द्विपक्षीय संबंधों, क्षेत्रीय सुरक्षा समेत व्यापक एजेंडे पर चर्चा हुई होगी। आपको बता दें कि शहबाज शरीफ इसके पहले न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा से अलग आठ अरब और मुस्लिम देशों के नेताओं के साथ डोनाल्ड ट्रंप की बैठक में शामिल हो चुके थे। इस बैठक का उद्देश्य गाजा में इजरायल और हमास युद्ध समाप्त करना था।
विश्व के राजनीतिक पटल पर इस समय सबसे ज्यादा चर्चा सुपरपावर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की हो रही है। जब से उन्होंने दूसरी बार अमेरिकी की कमान संभाली उनकी नीतियां पहले से काफी बदली नजर आ रही हैं। अव्वल तो यह कि जो अमेरिका, पाकिस्तान को भाव भी नहीं देता था उसे ट्रंप अपनी गोद में बिठाकर उसकी प्रशंसा कर रहे हैं। फोटो खिंचवाए जा रहे हैं और तारीफों के पुल बांधे जा रहे हैं। देखने और सुनने में यह अजीब लग रहा है, लेकिन इसके पीछे ट्रंप का बड़ा मकसद समझ में आ रहा है। ट्रंप की नीतियां बिना स्वार्थ के नही हैं। माना जा रहा है कि पाकिस्तान के कंधे पर बंदूक रखकर ट्रंप अपने किसी बड़े मकसद को पूरा करने की फिराक में तो नही हैं। कभी भारत के पीएम मोदी से गलबहियां, चुनाव प्रचार, नमस्ते ट्रंप का दौर चर्चा में रहा। इसके बाद अचानक रूख बदला। नतीजा यह हुआ कि अवैध भारतीय प्रवासियों को कभी हथकड़ी और बेड़ियों में वापस भेजना तो मनमाना टैरिफ लगाये जा रहे हैं। माना जा रहा है कि इसके लिए कई वजहें हो सकती हैं। भारत के बड़े बाजार पर कब्जे की अमेरिका की पुरानी सोच के तहत पाक से दोस्ती कर दबाव बनाने की रणनीति का यह हिस्सा तो नही? अमेरिका और पाक के बीच अचानक छलके अगाध प्रेम के पीछे का मकसद तलाशने में विशेषज्ञ लगे हुए हैं। वह यह समझने की कोशिश में हैं कि ‘यह रिश्ता क्या कहलाता है‘।